बच्चे अग्रेशन-डिप्रेशन की ओर बढ़ रहे, मानसिक प्रशिक्षण जरूरी
धनबाद आर्ट ऑफ लिविग (एओएल) की ओर से 60 घंटे को इंटरनेशनल ऑनलाइन चिल्ड्रन एंड टींस फेस्टिवल शनिवार से शुरू हुआ। इसमें विश्व भर से बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हो रहे हैं। झारखंड से 40 स्कूलों के प्राचार्य शामिल हुए। पहले दिन एओएल के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर एवं सीबीएसई के सेक्रेटरी अनुराग त्रिपाठी प्राचार्यो से रूबरू हुए। एओएल की झारखंड कोऑर्डिनेटर सोनाली सिंह एवं मयंक सिंह ने झारखंड के लिए कार्यक्रम का समन्वय किया।
धनबाद : आर्ट ऑफ लिविग (एओएल) की ओर से 60 घंटे को इंटरनेशनल ऑनलाइन चिल्ड्रन एंड टींस फेस्टिवल शनिवार से शुरू हुआ। इसमें विश्व भर से बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हो रहे हैं। झारखंड से 40 स्कूलों के प्राचार्य शामिल हुए। पहले दिन एओएल के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर एवं सीबीएसई के सेक्रेटरी अनुराग त्रिपाठी प्राचार्यो से रूबरू हुए। एओएल की झारखंड कोऑर्डिनेटर सोनाली सिंह एवं मयंक सिंह ने झारखंड के लिए कार्यक्रम का समन्वय किया।
श्रीश्री रविशंकर ने कहा हमें हमारे एजुकेशन सिस्टम में कुछ सुधार लाना होगा। युवाओं की मानसिक परिस्थितियों पर ध्यान देना होगा। योग, प्राणायम के साथ-साथ युवाओं के लिए मानसिक प्रशिक्षण होना चाहिए। बच्चे अग्रेशन, डिप्रेशन की ओर बढ़ रहे हैं, इससे बाहर निकलना अतिआवश्यक है। पूरे विश्व में कोविड 19 का असर हुआ है। बच्चों को खेल खेल में बताना होगा और मानवीय मूल्यों को उजागर कराना चाहिए, जिससे वे इस विकट स्थिति से बाहर निकल सकें। पढ़ाई में कम अंक आने से हताश न हों और इस तनाव से मुक्त हों। जीवन को विशाल दृष्टि से देखें।
सीबीएसई के सेक्रेटरी अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि बच्चों का विकास सात वर्ष तक 85 फीसद हो जाता है और इसे विद्यालय और माता पिता ध्यान नहीं देते हैं। बच्चे सिर्फ मार्क्स और डिग्री में ही रह गए हैं। 12वीं का ज्ञान रखते हुए जॉब भी प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन उनके अंदर सोचने, समझने, निर्णय लेने, बात करने और संवेदनशील तरीके से रहने की कुशलता कलाएं नहीं रहेंगी। माता-पिता व स्कूल बच्चों को प्रेरित करें, प्यार से बात करें और उनके साथ संवेदनशील बनें। यदि बच्चे योग प्राणायाम के साथ जुड़ें तो मानसिक और शारीरिक शक्ति मिलेगी। कोरोना काल में सारे स्कूलों को वेलनेस और हेल्थ का मैनुअल भेजा गया है। धनबाद से डिप्टी सिटी कोऑर्डिनेटर सीबीएसई सुमंत कुमार मिश्रा, डीएवी के रीजनल आफिसर केसी श्रीवास्ताव, डीपीएस की प्राचार्या डॉ. सरिता सिन्हा आदि थे।