Corona effect: आर्थिक संकट से परेशान रेलवे ने लिया ऐसा फैसला, नाैकरी की आस में बैठे बेरोजगार होंगे मायूस
Indian Railways खर्च में कमी लाने के लिए पिछले दो वर्षों में जिन पदों का नए सिरे से सृजन किया गया था। अगर उन पदों की आवश्यकता नहीं हैं तो उन्हें सरेंडर कर दिया जाएगा।
धनबाद, जेएनएन। रेलवे में संरक्षा को छोड़ अन्य नए पदों पर बहाली नहीं होगी। इसे फ्रिज करने का आदेश दे दिया गया है। इसके साथ ही मानदेय पर दोबारा बहाल हुए कर्मचारियों पर भी छंटनी की तलवार लटक गई है। ऐसे कर्मचारियों की समीक्षा कर पदों को कम किये जायेंगे। इतना ही नहीं रेलवे आरक्षण काउंटर की संख्या में भी कटौती करेगी। वहां काम करने वाले कर्मचारियों से दूसरे काम लिए जाएंगे। कोरोना महामारी के दौरान रेलवे की बिगड़ती आर्थिक सेहत के मद्देनजर यह कदम उठाए जा रहे हैं। इसे लेकर रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर फाइनेंस (बजट) आनंद प्रकाश ने आदेश जारी कर दिया है।
खर्च में कमी लाने के लिए पिछले दो वर्षों में जिन पदों का नए सिरे से सृजन किया गया था। अगर उन पदों की आवश्यकता नहीं हैं तो उन्हें सरेंडर कर दिया जाए। रेलकर्मियों को मिलने वाले ओटी, टीए में भी 50 फीसद की कमी की जाएगी। अन्य भत्ते में भी 33 से 50 प्रतिशत तक कटौती की जाएगी। मौजूद कर्मचारियों से मल्टीटास्किंग के तहत काम लिए जाएंगे।
तामझाम के साथ वार्षिक निरीक्षण नहीं करेंगे जीएम
कर्मचारियों के साथ-साथ जोन के मुखिया पर भी रेलवे ने लगाम कस दिया है। हर साल अलग-अलग रेल मंडलों में रेल जीएम का वार्षिक निरीक्षण होता है। इस दौरान रेल मुख्यालय के अधिकारियों के साथ साथ मंडल मुख्यालय के अधिकारी और कर्मचारी भी काफी संख्या में शामिल होते हैं । इसमें काफी खर्च भी होता है। लिहाजा रेल मंत्रालय ने यह आदेश दिया है कि जीएम के वार्षिक निरीक्षण में होनेवाले खर्च को सीमित किया जाए। कम से कम कर्मचारियों को ही शामिल किया जाए।