Jharkhand: एक हजार रुपये के लिए मुखिया ने महिला को मार डाला, दो साल से जारी है जिंदा होने की जद्दोजहद
अंझोवा देवी का कहना है कि मुखिया ने उससे एक हजार रुपया रिश्वत की मांग की थी उसे जब रुपये देने से इन्कार कर दिया तो उसने उसे जीते-जी मार डाला। इस कारण उसका पेंशन बंद कर दिया गया।
मधुपुर(देवघर), जेएनएन। मधुपुर थाने में उस समय पुलिस के लिए असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक महिला ये कहते हुए थाने पहुंची कि साहब, मैं जिंदा हूं, मरी नहीं। मधुपुर के साप्तर गांव निवासी अंझोवा देवी ने अपने आवेदन में कहा है कि उसे काफी पहले वृद्धा पेंशन की स्वीकृति मिली थी। वह पेंशन उठा भी रही थी। बाद में अचानक उसका पेंशन बंद हो गया। अंचल कार्यालय पहुंचा तो पता चला कि साप्तर पंचायत की मुखिया शोभा देवी ने अपने लेटर पैड पर लिखकर दिया है कि वह मर चुकी है। इसके बाद मेरा पेंशन बंद कर दिया गया है।
महिला आरोप है कि मुखिया ने उससे एक हजार रुपया रिश्वत की मांग की थी उसे जब रुपये देने से इंकार कर दिया तो उसने उसे जीते-जी मार डाला। इस कारण उसका पेंशन बंद कर दिया गया। महिला ने इसकी शिकायत अनुमंडल पदाधिकारी, सीओ, एसडीपीओ से भी की है। दो साल अंझोवा देवी जिंदा होने के लिए जद्दोजहद कर रही है। लेकिन फाइलों में अब तक जिंदा नहीं हो पाई है। वह जिंदा होना चाहती है। जिंदा होने पर ही फिर से पेंशन राशि मिलेगी। सरकारी कार्यालयों को दौड़ लगाते-लगाते थक चुकी अंझोवा देवी शनिवार की शाम देवघर जिले के मधुपुर थाना पहुंची। महिला की बातों को सुनकर पुलिस पदाधिकारी हैरान रह गए।
सारे आरोप बेबुनियाद और तथ्य हीन हैं। एक नाम के दो लोग होने के कारण ये गलती हुई है। इसमें सुधार के लिए दो वर्ष पहले ही अंचलाधिकारी को पत्र भेज लिखा गया था कि अंझोवा देवी जिंदा है।
-शोभा देवी, मुखिया साप्तर पंचायत