खेल में बनाई पहचान, अब बढ़ाना चाहती है सरहद की शान
बचपन से विभिन्न खेलों में नाम कमाने वाली अंजलि अब देश के सरहद की ओर कदम बढ़ाना चाहती है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: खेलने का शौक तो अंजली को बचपन से ही है। जब चौथी कक्षा में थी, तभी से खेल से जुड़ गई। इस दौरान कई बाधाएं भी आई। यहां तक कि पास-पड़ोस के ताने भी सुने, पर हिम्मत नहीं हारी और मंजिल की ओर कदम बढ़ाती गई। कई बार राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होनेवाली खेलकूद प्रतियोगिताओं में धनबाद का प्रतिनिधित्व किया।
अब वो सरहद की ओर कदम बढ़ाना चाहती हैं। आम तौर पर लड़कियां ऐसा नहीं चाहती या कम पसंद करती हैं। पर अंजली कहती हैं कि पढ़ाई पूरी कर उसे सरहद की रक्षा करनी है। इसके लिए जीतोड़ मेहनत करने को भी तैयार है। जब वह एनसीसी से जुड़ी, तभी से उसे उसने सैनिक बनने का ख्वाब देखा है। उसके माता-पिता हमेशा साथ खड़े रहे हैं। और इस बार भी उसे उनका साथ मिलेगा। अंजलि ने वुशू में 2015 में छत्तीसगढ़ और 2016 में पुणे में नेशनल जूनियर चैंपियनशिप में भाग लिया। बेस्ट 8 तक गई। बॉक्सिंग में दिसंबर 2015 में जम्मू-कश्मीर में आयोजित डीएवी नेशनल स्पोर्ट्स में ब्रांज मेडल से नवाजी गई। एथलेटिक्स दो बार ईस्ट जोन में गोल्ड मेडल जीत कर सीबीएसई नेशनल में क्वालिफाई किया। एनसीसी में दिल्ली में आयोजित एनसीसी के टेंट पिचिंग कंपीटिशन में गोल्ड मेडल हासिल किया। 2017 में एनसीसी थल सैनिक बाधा दौड़ में झारखंड-बिहार से नामित हुई। 2016-18 में विनोबा भावे विवि में एनसीसी की बेस्ट कैडेट बनी। एडीजी अवार्ड से भी नवाजा गया।