अमेरिका के यूट्यूब चैनल ने बताया, भारत में सबसे ज्यादा खरनाक काम क्यों है अवैध कोयला खनन
अमेरिकन यू-ट्यूब चैनल इनसाइडर न्यूज ने अवैध कोयला खनन को सबसे जोखिम भरा माना है। 13 सितंबर को इस चैनल पर रिलीज एक वीडियो में दोगुनी ताकत लगाकर कोयला तोड़ते नाजुक हाथ और फिर अपने फेफड़ों में उस कोयले के जहरीले धुएं को भरते लोगों की मजबूरियां दिखाई गई हैं।
गोविन्द नाथ शर्मा, झरिया (धनबाद): भारत में सबसे ज्यादा खतरनाक काम क्या है? हो सकता है कि इसका जवाब अलग-अलग आए, लेकिन अमेरिकन यू-ट्यूब चैनल इनसाइडर न्यूज ने अवैध कोयला खनन को सबसे अधिक जोखिम भरा माना है। बीते 13 सितंबर को इस चैनल पर अपलोड किए गए एक वीडियो में दोगुनी ताकत लगाकर कोयला तोड़ते नाजुक हाथ और फिर अपने फेफड़ों में उस कोयले के जहरीले धुएं को भरते लोगों की मजबूरियां दिखाई गई हैं।
बहरहाल सौ सालों से भी अधिक समय से सुलगते कोयले के बीच तिल-तिल कर मरते लोग अपनी व्यथा देखने के बावजूद चिंतित होने से कहीं अधिक खुश हैं, और उनकी खुशी की वजह है, इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म की लीड कैरेक्टर, उनकी अपनी रिंकी। अग्नि व भू-धंसान प्रभावित क्षेत्र झरिया के लिलोरीपथरा की रहने वाली 18 साल की रिंकी कुमारी कोयला चुनकर अपने परिवार का भरण-पोषण करती है। इस वीडियो को अबतक करीब चार लाख लोग देख चुके हैं। इस वीडियो को अपलोड करते हुए चैनल ने लिखा है कि रिंकी कुमारी भारत के सबसे बड़े कोयला क्षेत्र में काम करते हुए भीषण गर्मी, जहरीले धुएं और यहां तक कि मौत से भी हर दिन जूझती है। हमने इस लड़की के साथ समय बिताया, यह देखने के लिए कि वह झरिया की आग उगलती खदानों में क्यों काम करती है, और ऐसा क्या है जो इस काम को इतना जोखिम भरा व्यवसाय बनाता है...।
करीब 10 मिनट 52 सेकेंड के इस वीडियो की शुरुआत में कोयला काटती रिंकी कहती है कि पूरा जोर लगा के काटना पड़ता है... आप तो देख ही रहे होंगे...! रिंकी पर बने इस डॉक्यू ड्रामे को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। पिता महेंद्र पंडित व माता पाचो देवी की बेटी रिंकी इंटर पास है और कोयला चुनकर अपने परिवार को पालते हुए पढ़ाई कर रही है। चैनल ने रिंकी के माध्यम से झरिया की हजारों ऐसी बच्चियों के कठिन जीवन को पूरी दुनिया के सामने लाया है, जो तब-तब अपना हौसला नहीं टूटने देतीं, जबतक कि उनकी सांसें उनका साथ ना छोड़ दें। रिंकी के शिक्षक समाजसेवी पिनाकी राय ने कहा कि इसी साल जुलाई महीने में दिल्ली में रहने वाले भवन गोस्वामी ने झरिया आकर यह वीडियो शूट किया था। रिंकी की वास्तविक जिंदगी को डाक्यूमेंट्री में उतारा गया है। उन्होंने कहा कि रिंकी आगे पढ़कर बैंकिग या नर्सिंग के क्षेत्र में जाकर समाज की सेवा करना चाहती है।
पढ़ाई व घर की जिम्मेवारी दोनों साथ-साथ निभा रही
कोलफील्ड चिल्ड्रेन क्लासेज के संस्थापक पिनाकी राय ने कहा कि चार वर्षों से रिंकी क्लास में आ रही है। पढ़ाई, पेंटिंग व घर के काम के प्रति वह काफी गंभीर रहती है। छोटे भाई, बहन व अपने माता-पिता के साथ अग्नि प्रभावित झरिया क्षेत्र में रहती है। पेट की आग को बुझाने के लिए ही वह हर दिन खदानों में कोयला चुनने जाने के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा कि समाज में यह एक दिन मिसाल बन कर उभरेगी।
रिंकी के वीडियो को देख कई विदेशियों ने की सराहना
वीडियो को देखने के बाद विदेशियों ने तरह-तरह के कमेंट्स किए हैं। कई लोगों ने रिंकी के अच्छे भविष्य के लिए प्रार्थना की है। बेकी ऐनी नामक यूजर ने कमेंट किया कि झरिया में रह रहे ऐसे बच्चों को शिक्षित करना बहुत जरूरी है, ताकि आने वाली पीढि़यों को ऐसा दिन नहीं देखना पड़े।
पढ़ाई का खर्च उठाता है संस्थान
पिनाकी राय ने कहा कि कोयला चुननेवाले बच्चों को पढ़ाने के लिए ही कोलफील्ड चिल्ड्रेन क्लासेस की स्थापना की गई है। चार इकाइयों में एक सौ से अधिक बच्चे सीसीसी से जुड़े हैं। उन्हें स्कूल बैग, पाठ्य सामगी दी जाती है। अंग्रेजी, कंप्यूटर, कला, नृत्य आदि कक्षाओं में भी शिक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य कोयला चुनने वाले बच्चों को शिक्षित करना है।