आपणो घर की 9 बेनामी कंपनियां हो सकती कुर्क
धनबाद : महाराजा अग्रसेन जी आपणो घर प्राइवेट लिमिटेड (देवरालिया, डोकानिया, अग्रवाल एवं शर्मा
धनबाद : महाराजा अग्रसेन जी आपणो घर प्राइवेट लिमिटेड (देवरालिया, डोकानिया, अग्रवाल एवं शर्मा ग्रुप आदि) से जुड़े बिल्डरों के ठिकानों पर पिछले सप्ताह हुई आयकर छापेमारी में 9 शैल (मुखौटा) कंपनियों के दस्तावेज मिले थे। इन कंपनियों के अलावा 60 बेनामी बैंक खातों का भी पता चला था। बेनामी कंपनियों की कुल संपत्ति लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये है। ये राशि और बढ़ भी सकती है। आयकर विभाग अब इन कंपनियों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया अपनाने जा रहा है। विभाग इसके लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की अनुमति का इंतजार कर रहा है। पूरे मामले की रिपोर्ट सीबीडीटी को दे दी गई है। आयकर विभाग बेनामी संपत्ति रोधी कानून के प्रावधानों के तहत 30 लाख रुपये से अधिक संपत्ति पंजीयन मामलों में कर ब्योरे का मिलान कर रहा है। यह कार्रवाई अवैध संपत्ति धारकों के खिलाफ है। आयकर अधिकारी उन मुखौटा कंपनियों व उनके निदेशकों की भी जाच कर रहे हैं, जिन्हें सरकार ने कालेधन के खिलाफ अभियान के तहत प्रतिबंधित किया है।
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अधिकतम सात साल सजा का प्रावधान
आयकर विभाग ने पिछले साल एक नवंबर से नए बेनामी सौदे (प्रतिबंध) संशोधन कानून, 2016 के तहत कार्रवाई कर रहा हैे। इस कानून में अधिकतम सात साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। चल और अचल, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष और मूर्त और अमूर्त संपत्ति यदि उसके वास्तविक लाभ प्राप्तकर्ता स्वामी की जगह किसी अन्य के नाम पर हों तो उसे बेनामी संपत्ति कहा जाता है। इनमें बैंक खातों में जमा राशि, जमीन, फ्लैट और आभूषण शामिल हैं। आपणो घर एंड कंपनी में ड्राइवर, खलासी, खानसामा भी कंपनियों में निदेशक की भूमिका में हैं। इनके खातों में भी अच्छी-खासी रकम है। इनके नाम कई अचल संपत्तिया हैं जो मुखौटा कंपनियों के नाम पर खरीदी गई हैं। ये कंपनियां सिर्फ कागज पर हैं।
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पायनियर इंफ्रा 60 लाख टैक्स देने को तैयार, आयकर का इनकार
- चार बिल्डरों के यहां आयकर सर्वे पूरा, पायनियर इंफ्रा दुर्गापुर में बनाने जा रहा 20 करोड़ का नया प्रोजेक्ट
धनबाद : आपणो घर के इतर बुधवार को आयकर विभाग ने चार बिल्डरों के यहां एक साथ सर्वे शुरू किया था। गुरुवार को आयकर की यह कार्रवाई खत्म हो गई। पायनियर इंफ्रा नाम के इस फर्म ने अपने वार्षिक टर्नओवर के आधार पर 60 लाख रुपये टैक्स देने की बात कही। हालांकि विभाग ने इसे मानने से इनकार करते हुए और टैक्स देने को कहा। इस बात पर संबंधित कंपनियों के निदेशकों और आयकर विभाग के बीच बहस होती रही। संयुक्त आयकर आयुक्त के निर्देश पर आयकर की अलग-अलग टीमों ने पायनियर इंफ्रा नामक फर्म की तीन कंपनियों स्मृति मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड माधुरी पैलेस, यूएस हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड कृष्णा टावर-कॉम्पलेक्स के नजदीक बिग बाजार और शुभम मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड अभिलाषा टॉवर अजंतापाड़ा में सर्वे किया था। इसके अलावा पायनियर इंफ्रा के अजंतापाड़ा अभिलाषा टावर स्थित कार्यालय में भी सर्वे किया गया। इन कंपनियों ने पायनियर इंफ्रा नामक फर्म बनाया हुआ है और दुर्गापुर में इनका नया प्रोजेक्ट बननेवाला है। इसमें लगभग 20 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना है। आयकर विभाग इन्हीं सब बिंदुओं को लेकर पड़ताल कर रहा है। इस आधार पर टैक्स की राशि कहीं अधिक बनेगी, इसीलिए आयकर विभाग 60 लाख रुपये टैक्स पर तैयार नहीं हो रहा। पायनियर इंफ्रा के निदेशक संजीव रंजन, स्मृति मल्टीकॉम के मृदुल राय व चित्रा राय, यूएस हाउसिंग के संजीव रंजन व किसलय और शुभम मल्टीकॉम के निदेशक प्रेम कुमार सिंह व संगीता सिंह हैं। पायनियर इंफ्रा में सभी कंपनियां पार्टनर हैं और कंस्ट्रक्शन का बिजनेस करती हैं।