विरोध-प्रदर्शन आपका संवैधानिक हक, लेकिन ये तो गलत बात है महाशय; प्रतिबंध के बावजूद खैनी बनाने में इतने मशगूल Dhanbad News
विरोध-प्रदर्शन देश के सभी नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर प्रतिबंध के बावजूद ये महाशय भीड़ में ही खैनी बनाने में मशगूल दिखे।
धनबाद, जेएनएन। यह तो गलत बात है। केंद्र व राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर तंबाकू उत्पाद बीड़ी, सिगरेट, खैनी व गुटका खाने पर रोक लगा रखी है, लेकिन कुछ लोग इससे बिल्कुल अनजान है। गुरुवार को कोयला भवन गेट के पास कमर्शियल माइनिंग के विरोध में विभिन्न मजदूर संघ की ओर से प्रदर्शन किया गया। इस दौरान एक महाशय वहां खैनी बनाने में मशगूल दिखे। इस दौरान इन्हें इस बात का जरा भी इल्म नहीं था कि वे भीड़ वाले स्थान पर प्रतिबंधित कार्य कर रहे हैं, जो न सिर्फ उनके अपने सेहत के लिए हानिकारक है, बल्कि वहां मौजूद लोगों के स्वास्थ्य को भी खतरे में डाल रहे हैं। हालांकि, ये चेहरे पर मास्क लगाए हुए थे।
दरअसल, केंद्र सरकार ने कॉमर्शियल माइनिंग के लिए कोल ब्लॉक्स की नीलामी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नीलामी प्रक्रिया का शुभारंभ किया। वहीं, कॉमर्शियल माइनिंग के विरोध में कोयला उद्योग में सक्रिय पांचों मजदूर संगठनों ने 2-4 जुलाई (तीन दिवसीय) हड़ताल की घोषणा की है। मजदूर संगठनों की तरफ से गुरुवार को हड़ताल का नोटिस दिया गया। धनबाद में कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई बीसीसीएल को मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों ने नोटिस दिया। इसमें इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस), ऐटक, बीएमएस (भारतीय मजदूर संघ), एचएमएस, सीटू के नेता व सैकड़ों मजदूर शामिल थे।