स्वस्थ महिला को बता दिया ब्लड कैंसर का मरीज, वह भी लास्ट स्टेज Dhanbad News
धनबाद में निजी पैथोलॉजी सेंटर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। ताजा मामला पुराना बाजार के गजुआटांड़ निवासी अब्दुल मुनीर रजा की पत्नी रजिया परवीन (25) का है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: धनबाद में निजी पैथोलॉजी सेंटर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। ताजा मामला पुराना बाजार के गजुआटांड़ निवासी अब्दुल मुनीर रजा की पत्नी रजिया परवीन (25) का है। बुखार होने पर छह जून को रजिया हीरापुर में डॉ प्रियदर्शी गुप्ता से दिखाने गयी। डॉ गुप्ता ने ब्लड जांच करने को कहा, जिसके बाद परिजनों ने ज्ञान मुखर्जी रोड हीरापुर के सिन्हा पैथोलैब से ब्लड की जांच कराई। सात जून को सिन्हा पैथोलैब ने जो रिपोर्ट परिजनों को सौंपा, उसे देख रजिया के परिजनों में मातम छा गया। रिपोर्ट में उसे ब्लड कैंसर का का मरीज बता दिया गया। इतना ही नहीं, उसे अंतिम स्टेज का कैंसर भी बता दिया। यहां रिपोर्ट में रजिया के लूकोसाइटस को 78,500 प्रति सीएमएम बता दिया। नॉर्मल इंसान को यह 4000 से 11000 के बीच होता है।
डॉक्टर भी भौचक, दूसरे जांच केंद्र में नॉर्मल रिपोर्ट: रजिया परवीन के परिजनों ने बताया कि रिपोर्ट देख परिवार में मातम पसर गया। घर में लोग खाना भी नहीं खाए। इसके बाद इसकी रिपोर्ट डॉ प्रियदर्शी गुप्ता को दिखाया गया। डॉ गुप्ता को शक हुआ तो उन्होंने ब्लड जांच दूसरे पैथोलॉजी में कराने की सलाह दी। इसके बाद आठ जून को क्लीनिलैब, दत्ता क्लीनिकल, सेंट्रल डायग्नोस्टिक में जांच कराई, जहां सभी ने रिपोर्ट को नॉर्मल बताया। लूकोसाइटस को क्लीलैब ने 8500, दत्ता क्लीनकिल ने 7800 व सेंट्रल डायग्नेस्टिक ने 7400 बताया। डॉ गुप्ता ने नार्मल रिपोर्ट को ही सही माना। इसके बाद रजिया के परिजनों ने राहत की सांसें ली।
वकील भी पलटा, पैथोलॉजी के डॉक्टर से जा मिला: रजिया ने बताया कि सभी रिपोर्ट मिलने के बाद वकील से 17 जून को लीगल नोटिस भेजवाया, लेकिन 18 जून तो वकील भी पैथोलाजी के डॉक्टर से जा मिले। वकील पैथोलॉजी के डॉक्टर से आकर मिलने को कहने लगे, कहा कि डॉक्टर ने गलती मानी है। इसके बाद वकील को रजिया ने छोड़ दिया।
दो लाख रुपये हर्जाना के लिए ठोका मुकदमा: रजिया ने कहा कि जान के साथ पैथोलॉजी सेंटर खिलवाड़ कर रहे हैं। कैंसर मरीज और अंतिम स्टेज बता देने से काफी मानसिक परेशानी झेलनी पड़ी। घर के सभी लोग परेशान रहे। इस कारण दो लाख रुपये का हर्जाना ठोका है।
जांच के बाद लाइसेंस होगा रद: मामले को सिविल सर्जन ने भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिया गया है। जांच के बाद दोषी पाये गये तो लाइसेंस के रद किया जायेगा।
सिन्हा पैथोलॉजी ने कहा, शून्य लिखने में गलती हो गई: सिन्हा पैथोलाजी के डॉ पीके सिन्हा बार-बार मामले को टालते रहे। काफी पूछने पर बचाया कि शून्य लिखने में मिस्टेक हो गया। वह इसे अपनी गलती हरगिज नहीं मान रहे हैं।
जिले में मात्र 20 रजिस्टर्ड पैथोलॉजिस्ट, 300 जांच घर: जिले में जांच घरों के साथ लगभग 300 नर्सिंग होम में भी कइयों के पास पैथोलॉजिस्ट नहीं है। ऐसे में जांच घरों के साथ ही कुछ नर्सिंग होम संचालक अपने कर्मी से ही रिपोर्ट बनवाते हैं। विभाग की मानें, तो शहर में लगभग 20 रजिस्टर्ड पैथोलॉजिस्ट हैं।
जानें क्या है नियम: पैथोलॉजी लैब चलाने के लिए एमडी इन पैथोलॉजी डॉक्टर का होना जरूरी है। इसी आधार पर स्वास्थ्य विभाग रजिस्ट्रेशन करता है। बिना चिकित्सक के लैब चलाना अवैध है। बिना रजिस्ट्रेशन के पहले ही जांच घर चलाना गैरकानूनी है। इसके साथ यहां प्रशिक्षित कर्मचारी का होना जरूरी है।