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9th Day of Navratri: माता के सिद्धिदात्री स्वरूप की हो रही पूजा, सिद्धि में जुटे साधन; पूर्णिमा ने भी की आराधना

9th Day of Navratri नवरात्र के नाैंवे दिन माता के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है। जैसा कि माता के नाम से ही स्पष्ट है कि मां का यह स्वरूप सभी प्रकार की सिद्धि और मोक्ष देने वाला माना गया है। इनकी पूजा सभी लोग करते हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 11:12 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 05:00 PM (IST)
9th Day of Navratri: माता के सिद्धिदात्री स्वरूप की हो रही पूजा, सिद्धि में जुटे साधन; पूर्णिमा ने भी की आराधना
धनबाद के पूजा पंडाल में विराजमान माता दुर्गा ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। नवरात्र के नाै दिन के उत्सव के अंतिम दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप के पूजन का विधान है। आज शारदीय नवरात्र-2021 का नाैंवा दिन है। माता के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा हो रही है। धनबाद कोयलांचल में माता सिद्धिदात्री की पूजा की धूम है। सुबह से ही पूजा पंडालों में माता की आराधना के लिए भक्तों की भीड़ लगी है। धनबाद शहर मुख्यालय से लेकर शहरी क्षेत्र के झरिया, सिंदरी और कतरास के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में विधि-विधान से माता के नाैवें  स्वरूप की पूजा हो रही है। माता यह स्वरूप बहुत की खास है। यह सभी प्रभार की सिद्धि को प्रदान करती हैं।

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सभी प्रकार की कामनाओं की होती पूर्ति

जैसा कि माता के सिद्धिदात्री नाम से ही स्पष्ट है कि मां का यह स्वरूप सभी प्रकार की सिद्धि और मोक्ष देने वाला माना गया है। मा सिद्धीदात्री की पूजा ऋषि मुनि, साधक, यक्ष,  किन्नर देवता, दानव और गृहस्थ आश्रम में जीवन यापन करने वाले पूजा करते हैं। यह पूजा करने से व्यक्ति को यश, धन और बल की प्राप्ति होती है। साथ ही माता के सच्चे मन से आराधना करने पर अष्ट सिद्धियां प्राप्त होती हैं। जगत जननी के नौ रूपों में सबसे अंतिम देवी माता सिद्धिदात्री की उपासना करने से सर्वसिद्धि की प्राप्त होती है। इनकी साधना करने से लौकिक और परलौकिक सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति होती है। भगवान शिव ने भी सिद्धिदात्री देवी की कृपा से तमाम सिद्धियां प्राप्त की थी। इस देवी की कृपा से ही शिवजी का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण शिव अर्द्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए। देवी का स्मरण, ध्यान, पूजन से माता के भक्तों की तमाम बाधाएं दूर होती है।

सिद्धिदात्री की पूजा करने की विधि

घी का दीपक जलाने के साथ-साथ मां सिद्धिदात्री को कमल का फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा जो भी फल या भोजन मां को अर्पित करें वो लाल वस्त्र में लपेट कर दें। साथ ही नवमी पूजने वाले कंजकों और निर्धनों को भोजन कराने के बाद ही खुद खाएं। माता सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए बलि प्रथा का भी विधान है। प्रतीकात्मक रूप से भी कुम्हड़े और गन्ने की बलि दी जा रही है। 

मंत्र- सिद्धगधर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।

झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने जोराफाटक रोड में माता की आराधना की

झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने धनबाद के जोराफाटक रोड स्थित पूजा पंडाल में मा दुर्गा की पूजा की। इस माैके पर कांग्रेस नेता सत्यदेव पाठक भी उपस्थित थे।


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