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RSS Dhanbad News: झरिया में मदन लाल अग्रवाल ने 79 साल पहले रखी थी आरएसएस की नींव

हिंदू राष्ट्रवादी अर्ध सैनिक स्वयंसेवक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का तीन दिवसीय झारखंड बिहार प्रांत के संघ प्रचारकों की अहम बैठक 10 से 12 सितम्बर तक राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में हो रही है। स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ मोहन भागवत तीन दिनों के प्रवास पर धनबाद में हैं।

By Atul SinghEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 03:12 PM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 03:12 PM (IST)
RSS  Dhanbad News: झरिया में मदन लाल अग्रवाल ने 79 साल पहले रखी थी आरएसएस की नींव
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ मोहन भागवत तीन दिनों के प्रवास पर धनबाद में हैं। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

गोविन्द नाथ शर्मा, झरिया: हिंदू राष्ट्रवादी अर्ध सैनिक स्वयंसेवक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का तीन दिवसीय झारखंड, बिहार प्रांत के संघ प्रचारकों की अहम बैठक 10 से 12 सितम्बर तक राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में हो रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ मोहन भागवत तीन दिनों के प्रवास पर धनबाद में हैं। देश के कोने-कोने तक संघ के कार्य को पहुंचाने, उनकी शाखाएं बढ़ाने और 2025 में संघ के एक सौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर स्वयंसेवकों को एकजुट करने पहुंचे हैं। यह बहुत कम लोगों को ही पता है कि मानभूम धनबाद में सबसे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नीव कोयला नगरी झरिया में 1942 को पड़ी थी। झरिया के प्रसिद्ध समाजसेवी, शिक्षाप्रेमी और उद्योगपति मदन लाल अग्रवाल ने झरिया में समाज के कुछ लोगों के साथ मिलकर इसकी नींव रखी थी।

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इसके बाद 1942 में ही मदन लाल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन में भी भाग लिया। 1948 को आरएसएस पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद वे गिरफ्तार कर लिए गए। मानभूम पुरुलिया जेल में काफी समय तक रहे। इसके बाद वर्ष 1975 के आपातकाल में भी मदन लाल लगभग साढे तीन महीने तक भागलपुर जेल में रहे। इन पर डीआइआर लगाया गया था। मदन लाल आरएसएस के प्रांतीय स्तर के पदों का दायित्व भी संभाला। इनके आरएसएस रूपी झरिया में लगाए गए पौधे आज बरगद के रूप में विद्यमान हैं।

आरएसएस कार्यकर्ताओं का केंद्र बिंदु था झरिया

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को मजबूत बनाने में मदनलाल अगरवाला के अलावा इनके बाद अनेक लोगों ने तन, मन, धन से आरएसएस को सींचा। 40 वर्ष पूर्व इस संगठन में आए झरिया के लगभग 62 वर्षीय देवकीनंदन पांडेय कहते हैं कि संगठन को आगे बढ़ाने में बाबूलाल शर्मा, रामनरेश भगत, विजय कुमार लिल्हा, वीरेंद्र नारायण देव, रामदेव सिंह आदि ने अपना जीवन लगा दिया। देवकीनंदन भी झरिया नगर संघ चालक के कार्यवाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि झरिया एक समय धनबाद जिला का केंद्र बिंदु था। यहां के अधिकांश लोग अब धनबाद चले गए हैं।

झरिया में आरएसएस के हुए हैं बड़े कार्यक्रम

झरिया नगर निवासी लगभग 72 वर्षीय वरीय भाजपा नेता हरीश जोशी ने कहा कि झरिया में आरएसएस के कई बड़े कार्यक्रम यहीं पर होते थे। अग्रवाल धर्मशाला में आरएसएस के सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर, बालासाहेब देवरस, के सीता रमैया सुदर्शन, राजेंद्र सिंह रज्जू भैया भी आ चुके हैं।

आरएसएस को घर-घर तक ले जाएंगे

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के झारखंड राज्य के प्रांत कार्यवाह सिन्दरी निवासी संजय कुमार सिंह ने कहा कि संगठन के विस्तार को लेकर और 2025 में इसके शताब्दी वर्ष पूरा होने के अवसर पर अहम बैठक हो रही है। आगे के वर्षों में संगठन का विस्तार करते हुए इसे घर-घर तक ले जाएंगे। आरएसएस की नीति और कार्यों के बारे में लोगों को बताएंगे। यह संगठन हिंदू धर्म की रक्षा और देश के विकास में काम कर रहा है। इसमें सबों की भागीदारी जरूरी है।


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