बाबूडीह विवाह भवन की बुकिग के लिए अब देना होगा 51 हजार
नगर निगम ने विवाह भवन बाबूडीह की बुकिग शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है। अब यहां किसी भी आयोजन की बुकिग के लिए अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी। नई दर के अनुसार निगम ने 51 हजार रुपये बुकिग शुल्क तय की है।
जेएनएन, धनबाद : नगर निगम ने विवाह भवन बाबूडीह की बुकिग शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है। अब यहां किसी भी आयोजन की बुकिग के लिए अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी। नई दर के अनुसार निगम ने 51 हजार रुपये बुकिग शुल्क तय की है। इसमें मेंटेनेंस शुल्क भी शामिल है। पहले दो हजार रुपये अलग से मेंटेनेंस शुल्क लिया जाता था। यह बुकिग शुल्क सामान्य, बीपीएल श्रेणी से आने वाले लोगों समेत निगम कर्मियों के लिए भी समान है। पहले सामान्य के लिए 39 हजार और बीपीएल के लिए 15 हजार दर निर्धारित थी। मेंटेनेंस शुल्क दो हजार रुपये अलग से लिया जाता था। अब सभी को 51 हजार रुपये देना होगा। दरअसल कोरोना काल में बाबूडीह विवाह भवन की 20 बुकिग कैंसिल हो गई। राजस्व पर इसका सीधा असर पड़ा। इसके अलावा बुकिग शुल्क बढ़ाने का भी प्रस्ताव भी काफी समय से पड़ा हुआ था। लिहाजा नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने इसमें बढ़ोतरी करने का फैसला लिया। इसी तरह तेलीपाड़ा में विवाह भवन बनकर तैयार है। इसकी बुकिग अभी तक शुरू नहीं हुई है, लेकिन यहां भी दर यही रहेगी।
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बीपीएल, गरीब और निगम कर्मी होंगे प्रभावित
नगर निगम के इस निर्णय से सबसे अधिक प्रभावित आर्थिक रूप से कमजोर, निगम कर्मी और बीपीएल श्रेणी के लोग होंगे। ये सभी पहले 15 हजार रुपये में भवन बुक कर लेते थे, अब इन्हें भी 51 हजार रुपये देना होगा। पूर्व पार्षद अशोक पाल का कहना है कि कम से बीपीएल, निगम कर्मी और गरीब परिवार के लिए छूट मिलनी चाहिए।
पार्षद के आरोपों का नगर निगम ने दिया जवाब : पूर्व पार्षद निर्मल मुखर्जी ने सदर अस्पताल में सफाई कर्मी के कोरोना संक्रमित होने और कोरोना क्षेत्र में काम करने वाले निगम कर्मियों के असुरक्षित होने के मामले में नगर निगम की अनदेखी की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की थी। निगम ने इसका जवाब दिया है। गोपनीय शाखा को भेजे जवाब में निगम ने कहा है कि कोरोना की रोकथाम के लिए सैनिटाइजर और ब्लीचिग पाउडर का छिड़काव लगातार किया जाता है। रही बात सदर अस्पताल में कोरोना संक्रमित होने की तो यह निगम के अंतर्गत नहीं आता है। निगम के अस्थाई तौर पर कार्यरत श्रमिकों को कोरोना महामारी से बचाव के लिए समय-समय पर सामग्री वितरित की जाती है।