वृंदावन अपार्टमेंट से चार साइबर अपराधी गिरफ्तार, किराये के फ्लैट में चल रहा था साइबर ठगी सेंटर Dhanbad News
गिरफ्तार सभी अपराधी फर्जी गूगल पे कस्टमर केयर का प्रतिनिधि बनकर लोगों से ठगी कर रहे थे। टीम व्यूवर क्यूक सपोर्ट साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर लोगों की आर्थिक जानकारी हासिल करते थे। गूगल बिजनेस पेज पर विभिन्न कंपनी का विज्ञापन देकर भी लोगों को झांसा देते थे।
धनबाद, जेएनएन। साइबर थाना की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर धैया वृंदावन अपार्टमेंट से चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अपराधियों में 28 वर्षीय शंभूनाथ मंडल, 20 वर्षीय प्रद्युम मंडल, 19 वर्षीय रोहित कुमार मंडल तथा 19 वर्षीय अभिषेक कुमार मंडल शामिल है। वहीं गैंग का प्रमुख सदस्य अजय मंडल पुलिस के हाथ नहीं लगा। पुलिस ने अपराधियों के पास से दो आइफोन, एक लैपटॉप, कार, दो मोटरसाइकिल, आधा दर्जन स्मार्टफोन और विभिन्न कंपनी का पांच एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। अभिषेक कुमार मंडल गिरिडीह के अहिल्यापुर का रहनेवाला है। वहीं बाकी तीन जामताड़ा के करमाटांड़ थाना क्षेत्र के हैं।
किराए के फ्लैट में संचालित हो रहा था साइबर ठगी सेंटर
सिटी एसपी आर रामकुमार ने बताया है कि गुप्त सूचना मिली थी कि धैया इलाके के एक अपार्टमेंट में कुछ युवक ठहरे हैं, जो साइबर आपराधी गैंग के सदस्य हैं। सूचना का सत्यापन करने के बाद अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए साइबर डीएसपी सुमित लकड़ा के नेतृत्व में टीम गठित की गई। पुलिस टीम ने धैया स्थित वृंदावन अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 4 सी में छापेमारी की। वहीं से चारों पकड़े गए। चारों अपराधी फ्लैट किराया पर लेकर रह रहे थे। गैंग का अजय मंडल नामक अपराधी पुलिस के हाथ नहीं लगा है। उसे ढूंढ़ा जा रहा है।
बैंककर्मी बताकर फ्लैट में रहते थे अपराधी
सिटी एसपी ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी अपने को बैंककर्मी व विभिन्न फोन कंपनियों के कर्मी बताकर फ्लैट को किराया पर लिया था। अपराधियों की गतिविधियों पर किसी को शक नहीं था। यही कारण था कि सभी काफी दिनों से फ्लैट में रह रहे थे।
इस तरह से करता था ठगी
गिरफ्तार सभी अपराधी फर्जी गूगल पे, कस्टमर केयर का प्रतिनिधि बनकर लोगों से ठगी कर रहे थे। टीम व्यूवर, क्यूक सपोर्ट साफ्टवेयर का इस्तेमाल कर लोगों की आर्थिक जानकारी हासिल करते थे। गूगल बिजनेस पेज पर विभिन्न कंपनी का विज्ञापन देकर भी लोगों को झांसा देते थे। जो व्यक्ति लालच में आकर फंसता था उसके खाते से मोटी रकम उड़ाते थे। कुछ अपराधी अपने को विभिन्न फोन कंपनी का कर्मचारी बताकर कंपनियों द्वारा भेजे गए क्यूआर कोड को अपने वाटसएप में मंगवाता था। इसके बाद ई-सिम कंवर्ट कर लोगों के बैंक खाता से रुपये निकासी कर लेते था।