धनबाद से 150 छात्रों को मिला जेईई एडवांस का टिकट
नेशनल टेस्टिग एजेंसी ने जेईई मेन 2021 के चौथे चरण का परिणाम मंगलवार देर रात जारी किया। धनबाद से जेईई मेन में 300 से अधिक छात्र सफल हुए हैं। इनमें से 150 छात्र जेईई एडवांस की परीक्षा में शामिल होंगे। 20 से अधिक छात्रों ने 99 परसेंटाइल स्कोर हासिल किया है।
जागरण संवादददाता, धनबाद : नेशनल टेस्टिग एजेंसी ने जेईई मेन 2021 के चौथे चरण का परिणाम मंगलवार देर रात जारी किया। धनबाद से जेईई मेन में 300 से अधिक छात्र सफल हुए हैं। इनमें से 150 छात्र जेईई एडवांस की परीक्षा में शामिल होंगे। 20 से अधिक छात्रों ने 99 परसेंटाइल स्कोर हासिल किया है। चौथे चरण के परिणाम के साथ एनटीए ने कामन रैंक लिस्ट (सीआरएल) यानी आल इंडिया रैंक भी जारी की है। इसके अनुसार डिनोबिली स्कूल भूली के अनिमेष कुमार 465 सीआरएल के साथ जिला टापर बने। दूसरे स्थान पर दिल्ली पब्लिक स्कूल के शौर्य दिव्यम ने 950 सीआरएल हासिल किया। तीसरे स्थान पर 99.83 परसेंटाइल के साथ राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर के अमित कुमार रहे। चारों चरण में बेस्ट परसेंटाइल स्कोर के आधार पर एनटीए ने सीआरएल जारी की है। इसी आधार पर छात्र जेईई एडवांस में शामिल होंगे। जेईई मेन परिणाम के साथ ही एनटीए ने कटऑफ, स्कोरकार्ड और सीआरएल भी जारी किया है। इस बार सामान्य के लिए कटआफ 87.89 सीआरएल रहा। पिछले वर्ष कटआफ 90.37 गया था।
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जेईई मेन में बेहतर सीआरएल हासिल करने वाले छात्र
अनिमेष, डिनोबिली स्कूल भूली : 465
शौर्य दिव्यम, दिल्ली पब्लिक स्कूल कार्मिक नगर : 950
अमित कुमार, राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर : 99.83
ध्रुव खेतान, दिल्ली पब्लिक स्कूल : 2986
अभिराज अखौरी, दिल्ली पब्लिक स्कूल : 3585
शिवम राणा : 3726
सहज शांडिल्य, दिल्ली पब्लिक स्कूल : 3920
हर्ष कुमार, दून पब्लिक स्कूल : 5558
हिमांशु राज, दिल्ली पब्लिक स्कूल : 5793
मो अतहर : 7378
आकाश कुमार, राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर : 7759
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पढ़ाई का तरीका बदला और बन गए टापर
धनबाद : बोर्ड परीक्षा और जेईई मेन के जरिए आइआइटी में एडमिशन का सपना पाले छात्रों के लिए अनिमेष ने एक नजीर पेश की है। जेईई मेन के चौथे चरण के परिणाम में भूली रेंगुनी बस्ती के अनिमेष ने 465 सीआरएल प्राप्त किया। इसकी बदौलत जिले के टापर बन गए। सबसे अहम यह है कि एक सामान्य छात्र से टापर बनने में महज कुछ महीने लगे। कोई सोच भी नहीं सकता कि फरवरी में जेईई मेन के दूसरे चरण के परिणाम में जिस अनिमेष को मात्र 48 परसेंटाइल स्कोर मिला था, उसने तीसरे चरण की परीक्षा में 99.96 परसेंटाइल मिल जाएगा। इसके बाद चौथे चरण में दोबारा टापर बन गए। अनिमेष ने अपनी पढ़ाई का तरीका बदला, समय प्रबंधन किया, रातों की नींद खत्म कर दी, बस एक ही गोल था कि 90 परसेंटाइल से अधिक स्कोर करना है। उम्मीद से अधिक अंक मिलने पर अनिमेष बेहद खुश हैं। अपनी सफलता का श्रेय स्वजन को देते हैं। दसवीं तक की पढ़ाई डिनोबिली स्कूल भूली से की। 75 फीसद अंक लाकर सफल हुए। 12वीं की पढ़ाई के लिए नजफगढ़ नई दिल्ली के ध्रुवा पब्लिक स्कूल में दाखिला ले लिया। 12वीं भी 75 फीसद अंक लाकर सफल हुए। लाकडाउन में घर आ गए। बिना कोचिग सेल्फ स्टडी करने लगे। फरवरी के जेईई मेन के परिणाम में कम अंक मिलने पर पढ़ने का तरीका बदल दिया। रातभर पढ़ाई करने के बाद सुबह 5:45 पर सोने जाते। दोपहर एक बजे सोकर उठते। अनिमेष ने बताया कि जब रात-रात भर पढ़ाई करने के दौरान उनके चाचा सीता राम प्रसाद भी जागा करते थे। एक टयूटर की तरह चाचा ने पढ़ाई में बहुत मदद की। चाचा सीता राम प्रसाद का पेट्रोल पंप है। मां भारती देवी की कभी रात में नींद खुलती तो आकर चाय दे जाया करती थीं। अनिमेष के पिता सरजू प्रसाद पीडब्ल्यूडी में कनीय अभियंता के पर कार्यरत हैं।