बादलपुर स्वास्थ्य केंद्र में लटका ताला; जयपुर व अंबोना स्वास्थ्य केंद्र में नहीं बैठते चिकित्सक Dhanbad News
कलियासोल प्रखंड के सुसुनलिया पंचायत स्थित बादलपुर गांव में वर्ष 2009-10 में लगभग 12 लाख रुपए की लागत से बना स्वास्थ्य केंद्र आज व्यवस्था व चिकित्सक के अभाव में खुद मरीज़ बनकर खड़ा है। इस गांव में स्वास्थ विभाग द्वारा दस साल पहले स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया।
कालूबथान, जेएनएन : कलियासोल प्रखंड के सुसुनलिया पंचायत स्थित बादलपुर गांव में वर्ष 2009-10 में लगभग 12 लाख रुपए की लागत से बना स्वास्थ्य केंद्र आज व्यवस्था व चिकित्सक के अभाव में खुद मरीज़ बनकर खड़ा है। इस गांव में स्वास्थ विभाग द्वारा दस साल पहले स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया। लेकिन ठेकेदार काम पूरा किए बिना ही चला गया। दो मंजिला बिल्डिंग की ढलाई, पलस्तर आदि का काम लगभग पूरा हो गया। लेकिन बिजली की व्यवस्था नहीं हुई । ना ही चिकित्सक की व्यवस्था की गई । इसके कारण जब इस कोरोना काल में सुदृढ़ चिकित्सा व्यवस्था हर तरफ से उठ रही है। ऐसे में बादलपुर गांव में निर्माण के बावजूद स्वास्थ्य केंद्र 10 साल से बेकार पड़ा हुआ है। प्रशासनिक शिथिलता के कारण यह स्वास्थ्य केंद्र खुद मरीज बंद पड़ा है। यदि चालू करने में गंभीरता दिखाई जाती तो बादलपुर और आसपास के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल पाती।
कलियासोल प्रखंड में स्वास्थ सुविधा की बदतर स्थिति :
कलियासोल प्रखंड क्षेत्र में चिकित्सा व्यवस्था बेहाल है। जयपुर में लगभग एक करोड़ रुपए की लागत से वर्ष 2007-08 में 27 बेड का स्वास्थ्य केंद्र बना। काफी इंतजार के बाद बच्चों का चिकित्सक के रूप में दिया गया। लेकिन उनके सेवानिवृत्त होने के बाद दूसरा कोई चिकित्सक नहीं आया। इस स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षा व्यवस्था के लिए दो होम गार्ड रखा गया था । उसे भी अन्यत्र भेज दिया गया है। इतने बड़े स्वास्थ्य केंद्र पर एक भी सफाई कर्मी भी नहीं है जिससे स्वास्थ्य केंद्र के भवन की खिड़की सहित अन्य समान भी जर्जर हो गया है।
अपोलो के चिकित्सक ऑनलाइन देते सेवा :
जयपुर स्वास्थ्य केंद्र में फिलहाल एक साल से अपोलो के चिकित्सकों द्वारा वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से ऑनलाइन चिकित्सा की जाती है जिसके लिए यहां एक्शन एक टेक्नीशियन वर्णाली मित्रा व एएनएम खुशबू कुमारी को रखा गया है। ये सुबह सफाई कर्मी बनकर अपने दायरे तक सफाई करती है । बाद में ग्रामीणो का जांच करने के बाद सारा विवरण अपोलो के चिकित्सक को बताती हैं और चिकित्सक मरीजों से वीडिओ कांफ्रेस के माध्यम से सारी जानकारी लेकर दवाई देते हैं। इसी तरह आम्बोना में दस साल पहले बना 30 बेड का स्वास्थ्य केंद्र का भी ऐसी हालत है। वहां टेक्नीशियन राहुल निषाद व एएनएम सुमन साव ग्रामीणों का आनलाइन इलाज अपोलो के चिकित्सकों द्वारा कराकर मुफ्त दवाई भी देते हैं।
बड़ा आम्बोना पंचायत के मुखिया पुत्र रोशन अली बताते हैं कि अभी तक इस स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक तो दूर की बात है बेड तक नहीं उपलब्ध हो सका। व्यवस्था के अभाव में स्वास्थ्य केंद्र खुद मरीज़ बनकर खड़ा है।