हिंदी को घर में मातृभाषा व कार्यालय में राजभाषा बनाएं : सीएमडी
अपनी मातृभाषा का संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। मातृभाषा के जरिए ही हम अपनी पारंपरिक संस्कृति को सहेज सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह घर में मातृभाषा व कार्यालय में राजभाषा का उपयोग करे। बोलचाल में भी व कामकाज में भी। यह कहना था बीसीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद का।
जागरण संवाददाता, धनबाद : अपनी मातृभाषा का संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। मातृभाषा के जरिए ही हम अपनी पारंपरिक संस्कृति को सहेज सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह घर में मातृभाषा व कार्यालय में राजभाषा का उपयोग करे। बोलचाल में भी व कामकाज में भी। यह कहना था बीसीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद का। वे अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर विभागीय कवि सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे। कवि सम्मेलन का आयोजन बीसीसीएल राजभाषा विभाग की ओर से कोयला नगर स्थित सामुदायिक भवन में किया गया था। इस दौरान पत्रिका कोयला भारती व राजभाषा संदेश का भी विमोचन किया गया। कवि सम्मेलन में कवियों ने समसामयिक विषयों से लेकर कई अन्य विषयों पर अपनी कविताएं पेश कीं। कवि आशीष पंड्या ने, हर सुझाव पर इन्हें रार है, कानून रद करने को बेकरार हैं पेश कर खूब दाद बटोरी। कवि पंकज कुमार दूबे को भी जिदगी का करम फिर मिले न मिले, ये खूबसूरत वहम फिर मिले न मिले .. पर खूब वाहवाही मिली। कवि तारा देवी ने देख कर अपने प्रीतम की अंतिम घड़ी वह अंतिम घड़ी, सामने वो खड़ी थी, खड़ी रह गई सुनाकर माहौल को भाव विभोर कर दिया तो कृष्णदेव यादव ने देशभक्तिपरक मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूं कविता पाठ किया। तुषार कश्यप ने भी कण-कण में हैं राम बसे पर मैं तो सीता राम लिखूं सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। संजीव कुमार ने बनकर मैं जो तुम मेरे साथ हो कविता का पाठ किया। तेजविदर सिंह ने पंजाबी कविता सुनाई। आमंत्रित कवि डॉ. संगीता नाथ ने रंगों में मोहब्बत के खिलते रहे फूल कविता प्रस्तुत की। संचालन वरिष्ठ कवि अनंत महेंद्र ने किया। इस दौरान तकनीकी निदेशक परिचालन राकेश कुमार, तकनीकी निदेशक योजना व परियोजना चंचल गोस्वामी, वित्त निदेशक समीरण दत्ता व कार्मिक निदेशक पीवीकेआरएम राव, मुख्य सतर्कता अधिकारी कुमार अनिमेष, कार्मिक महाप्रबंधक एसएन सिन्हा, एके सिंह मौजूद थे।