Para Medical Course: झारखंड के 3 मेडिकल कॉलेजों में 15 साल से हो रही पढ़ाई, स्कूल भवन बनाना ही भूल गया स्वास्थ्य विभाग
Para Medical Students पारा मेडिकल कर्मियों पर सबसे ज्यादा जिम्मेदारी है। एसएनएमएमसीएच धनबाद में पारा मेडिकल छात्रों के लिए कोई सुविधा नहीं है। यहां पर ओटी असिस्टेंट एक्सरे असिस्टेंट पैथोलॉजी असिस्टेंट एनेस्थीसिया असिस्टेंट सर्जरी असिस्टेंट ईसीजी तकनीशियन सहित अन्य की पढ़ाई होती है।
धनबाद, जेएनएन। झारखंड में साल 2005-06 में राज्य के रांची, धनबाद और जमशेदपुर स्थित तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पारा मेडिकल की पढ़ाई शुरू हुई। लेकिन 15 साल बाद भी पारा मेडिकल छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल का निर्माण नहीं हो पाया है। झारखंड पारा मेडिकल स्टाफ एसोसिएशन सचिव राजू कुमार महतो ने स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख को पत्र लिखकर मांगों की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है। साथ ही कहा है कि यदि मांगें तय समय तक नहीं मानी जाती है, तो पूरे राज्य में पारा मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े सदस्य आंदोलन करेंगे। राजू ने बताया कि वर्ष 2005-06 में झारखंड में पारा मेडिकल की पढ़ाई शुरू हुई। लेकिन तीनों मेडिकल कॉलेज रिम्स, धनबाद और जमशेदपुर में इसके लिए अभी तक स्कूल भवन नहीं बनाया जा सका है। लाइब्रेरी की कोई सुविधा भी नहीं है। विगत 15 वर्षों से एक भी नियुक्ति पारा मेडिकल से संबंधित सरकार ने नहीं की है। ऐसे छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। उम्र भी सबकी जा रही है।
पारा मेडिकल पर है सबसे ज्यादा जिम्मेवारी
पारा मेडिकल कर्मियों पर सबसे ज्यादा जिम्मेदारी है। एसएनएमएमसीएच धनबाद में पारा मेडिकल छात्रों के लिए कोई सुविधा नहीं है। यहां पर ओटी असिस्टेंट, एक्सरे असिस्टेंट, पैथोलॉजी असिस्टेंट, एनेस्थीसिया असिस्टेंट, सर्जरी असिस्टेंट, ईसीजी तकनीशियन सहित अन्य की पढ़ाई होती है। लेकिन उनकी बहाली नहीं हो रही है। लिहाजा यहां से पास आउट होकर छात्र निजी नर्सिंग होम में पांच से आठ हजार की नौकरी कर रहे हैं। कई बेरोजगार हैं।
नए मेडिकल कॉलेजों में शुरू की जाए पढ़ाई
एसोसिएशन ने कहा है कि नए मेडिकल कॉलेज हजारीबाग, पलामू और दुमका में भी पारा मेडिकल की पढ़ाई शुरू कराई जाए। पूरे राज्य में अलग से पारा मेडिकल छात्रों के लिए संसाधन मुहैया कराई जाए। जल्द मांगों को लेकर एसोसिएशन के सदस्य मुख्यमंत्री से मिलेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री ने समय भी दिया है।