जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में साहिबगंज का बेटा कुलदीप शहीद, यहां से दो महीने में तीसरी शहादत
शहीद जवान के पिता घनश्याम उरांव भी सीआरपीएफ में थे। उन्हें बेटे की शहादत पर गर्व है। शहादत की सूचना मिलने पर भावुक घनश्याम ने कहा- मैंने बेटा खोया है। हमें गम है तो खुशी भी।
साहिबगंज, जेएनएन। झारखंड के साहिबगंज जिले के कुंदन कुमार ओझा की शहादत की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि यहां का एक और बेटा शहीद हो गया है। कुलदीप उरांव गुरुवार की रात जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए। उरांव सीआरपीएफ का जवान था। दो महीने के अंदर साहिबंगज के तीन बेटों ने देश की सुरक्षा पर अपनी जान न्योछावर की है। एक पखवारा पहले लद्दाख की गलवन घाटी में कुंदन कुमार ओझा शहीद हुए थे। इससे पहले छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों से लोहा लेते हुए साहिबगंज के मन्ना यादव वीरगति को प्राप्त किए।
श्रीनगर के मलबाग क्षेत्र में गुरुवार रात हुई मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया। इस दौरान सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया और एक जवान जख्मी हुआ है। शहीद जवान झारखंड के साहिबगंज जिले का है। उसका नाम कुलदीप उरांव है। कुलदीप सीआरपीएफ की क्विक एक्शन टीम के सदस्य हैं। वहीं ढेर हुए आतंकी का नाम सज्जाद अहमद मल्लाह बताया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार गुरुवार रात करीब 10:15 बजे सुरक्षाबलों का एक गश्तीदल नियमित गश्त पर मलबाग के जकूरा इलाके से गुजर रहा था। इसी दौरान जवानों को वहां एक स्कूल के पास कुछ संदिग्ध गतिविधियां दिखीं। जवानों ने जैसे ही उस तरफ बढऩा शुरू किया, वहां छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी। इसमें दो सीआरपीएफ कर्मी घायल हो गए। घायल जवानों को वहां से हटाते हुए अन्य जवानों ने पूरे इलाके को घेरकर आतंकियों पर जवाबी फायरिंग शुरू की। आसपास के शिविरों से भी अतिरिक्त सुरक्षाबल पहुंच गए। करीब सवा ग्यारह बजे कुछ देर के लिए गोलीबारी बंद हुई, लेकिन 10 मिनट के अंतराल के बाद दोबारा फायरिंग होने लगी। मुठभेड़ स्थल पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि दो जवान घायल हुए थे। उनको अस्पताल ले जाया गया, जहां कुलदीप की मौत हो गई।
कुलदीप के पिता भी फौज में थे
शहीद जवान के पिता घनश्याम उरांव भी सेना में थे। उन्हें बेटे की शहादत पर गर्व है। बेटे की शहादत की सूचना मिलने पर भावुक घनश्याम ने कहा- मैंने बेटा खोया है लेकिन गम नहीं है। देश की रक्षा के लिए बेटे ने शहादत दी यह क्या कम है? कुलदीप की 2009 में शादी हुई थी। कुलदीप को एक बेटा और एक बेटी है। पत्नी वंदना उरांव वेस्ट बंगाल पुलिस में हैं। अभी 24 परगना में पोस्टेड है। कुलदीप के पिता भी सीआरपीएफ जवान थे। वो 2007 में रिटायर्ड हुए हैं। अभी वो वार्ड पार्षद हैं।
वीरों की शहादत से साहिबगंज का सिर हुआ ऊंचा
कुलदीप की शहादत ने देश और झारखंड में साहिबंगज का सिर ऊंचा कर दिया है। दो महीने के अंदर साहिबगंज से यह तीसरी शहादत है। 11 मई, 2020 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों से लोहा लेते हुए सीआरपीएफ जवान मन्ना यादव शहीद हुए थे। एक पखवारा पहले 15-16 जून की रात लद्दाख की गलवन घाटी में साहिबंगज के ही कुंदन कुमार ओझा चीनी सैनिकों के साथ दो-दो हाथ करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। कुलदीप का घर जिरवाबाड़ी थाना क्षेत्र में हैं। शहादत की सूचना मिलने पर उनके घर लोगों का पहुंचना शुरू हो गया। सब शहीद के पार्थिव शरीर आने का इंतजार कर रहे हैं।