लॉकडाउन में जंगल से गांव में आया मोर, माैत के बाद ग्रामीणों में शोक Dhanbad News
तबीयत और बिगड़ते देख थानेदार विनोद शर्मा ने बाघमारा से पशु चिकित्सक को बुलाकर उसका इलाज कराया। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
धनबाद, जेएनएन। इलाज के बाद भी मोर को बचाया नहीं जा सका। वह जंगल से धनबाद जिले के दरिदा गांव में उड़कर आया था। मोर को देख ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे। लोगों ने घेर लिया। इस दाैरान वह काफी डरा-डरा-सा था। गांव में उतरने के बाद मोर दुबारा उड़ नहीं पा रहा था। तुंरत बरोरा थाने को सूचना दी गई। पुलिस मोर को लेकर थाने पहुंची। पशु चिकित्सक को बुलाकर इलाज कराया गया। इसके बावजूद उसकी मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद मोर के शव को थाने परिसर में ही दफना दिया गया।
25 मार्च से लॉकडाउन के कारण शहरी क्षेत्रों में शोर बंद है। सड़कों पर लोगोंं की आवाजाही नहीं है। वाहन भी नहीं चल रहे हैं। इस कारण जंगल से पशु-पक्षी शहरों की ओर चले आ रहे हैं। बुधवार को जंगल से उड़ते हुए एक मोर बाघमारा प्रखंड के दरिदा गांव मे पहुंच गया। मोर जख्मी हाल में था। ग्रामीणों का कहना है कि जंगली जानवरों ने मोर पर हमला किया होगा। वह बचने के लिए भागते हुए गांव की तरफ आ गया। ग्रामीणों की सूचना पर बरोरा पुलिस ने बीमार राष्ट्रीय पक्षी मोर को दरिदा से उठाकर थाना ले आई। उसके बाद तबीयत और बिगड़ते देख थानेदार विनोद शर्मा ने बाघमारा से पशु चिकित्सक को बुलाकर उसका इलाज कराया। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। घटना की सूचना थानेदार ने वन विभाग के अधिकारियों को दी। गुरुवार की सुबह जब तक वन विभाग के कर्मचारी पहुंचे तब तक मोर की मृत्यु हो चुकी थी। वन विभाग की देखरेख में मोर के शव को थाना परिसर में दफना दिया गया।
मोर की माैत के बाद दरिदा के ग्रामीण दुखी हो गए। वह मोर को देखकर खुश थे। ग्रामीणों को लग रहा था कि मोर अब गांव में ही रहेगा। लेकिन, उसकी माैत से सबको निराशा हाथ लगी है।