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Positive India: हवा बता रही कि लॉकडाउन सफल है, देश के इस सबसे प्रदूषित शहर से प्रदूषण का वायरस गायब

ग्रीन पीस इंडिया की रिपोर्ट में झरिया को प्रदूषण के लिहाज से देश में पहले और धनबाद को दूसरे नंबर पर रखा गया था। फाइल फोटोः प्रदूषण से परेशान धनबाद।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 02:58 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 02:58 PM (IST)
Positive India: हवा बता रही कि लॉकडाउन सफल है, देश के इस सबसे प्रदूषित शहर से प्रदूषण का वायरस गायब
Positive India: हवा बता रही कि लॉकडाउन सफल है, देश के इस सबसे प्रदूषित शहर से प्रदूषण का वायरस गायब

धनबाद [ आशीष सिंह ]। कोरोना वायरस ने सभी को परेशान करके रखा हुआ है। खौफ ऐसा है कि देश को लॉकडाउन करने की नौबत आ पड़ी। हालांकि इसी कोरोना वायरस की बदौलत सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार धनबाद का प्रदूषण वायरस खत्म हो गया। हाल ही में जारी ग्रीन पीस इंडिया की रिपोर्ट में झरिया को प्रदूषण के लिहाज से देश में पहले और धनबाद को दूसरे नंबर पर रखा गया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और 25 मार्च से लॉकडाउन के बाद से धनबाद के प्रदूषण में अप्रत्याशित कमी आई है। 22 के एक दिन पहले यानी 21 मार्च को धनबाद में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 10) का औसत स्तर 220 से 300 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) था। 22 को जनता कफ्र्यू और इसके बाद से लॉकडाउन होने के बाद इसमें जबरदस्त तरीके से गिरावट हुई। पीएम-10 का राष्ट्रीय मानक 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) है। लॉकडाउन में यह शून्य हो गया।

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झरिया की हवा भी साफ हुई है। यही स्थिति पीएम -2.5 की भी रही। टाटा स्टेडियम जोड़ापोखर में लगे एकमात्र एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन ने जारी एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) में इसकी पुष्टि की है। झारखंड में यह एकमात्र सेंटर है जो सीधे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रिपोर्ट भेजता है। कोरोना वायरस ने भले ही लोगों को घरों में कैद कर दिया, लेकिन यह भी सच है कि तेजी से बढ़ता धनबाद का प्रदूषण भी कम हो गया। 

  • पिछले आठ दिन का पीएम-10 (एमजीसीएम)
  • दिन          औसत    अधिकतम (एक्यूआइ)
  • 21 मार्च      181           394
  • 22 मार्च      शून्य           शून्य
  • 23 मार्च      शून्य           शून्य
  • 24 मार्च      शून्य           शून्य
  • 25 मार्च      शून्य           शून्य
  • 26 मार्च      शून्य           शून्य
  • 27 मार्च      शून्य           शून्य
  • 28 मार्च      शून्य           शून्य
  • लॉकडाउन से पहले कहां कितना वायु प्रदूषण का स्तर
  • क्षेत्र                      पीएम-10 (एमजीसीएम)
  • झरिया कतरास मोड़              210.46
  • डिगवाडीह                       158.45 
  • जोड़ापोखर                       181.00 
  • गोधर                             220.68 
  • कुसुंडा                            200.24 
  • करकेंद                           196.23 
  • पुटकी                            204.27 
  • सिजुआ                          187.26 
  • कतरास भगत सिंह चौक          201.18 
  • महुदा                             230.23 
  • बैंक मोड़                         208.96 
  • श्रमिक चौक                      190.86 
  • सिटी सेंटर                       170.64
  • रणधीर वर्मा चौक                150.04 
  • आइआइटी गेट                   166.46 
  • स्टील गेट                         174.72 
  • बिग बाजार                        156.51 
  • गोविंदपुर                          198.26 
  • बरटांड़ बस स्टैंड                 187.37 

नोट : इन सभी जगह पीएम -10 फिलहाल शून्य है। पीएम-10 का स्तर अधिकतम 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर निर्धारित है। 

  • प्रदूषण कम होने के प्रमुख कारण

- प्रदूषण का बड़ा कारण ओपनकास्ट कोलियरियों का कम संचालन।

- बीसीसीएल, ईसीएल, सीसीएल के खदान में हो रहा कम उत्पादन एवं कोल ट्रांसपोर्टेशन।

- शहर के अंदर कोलियरी क्षेत्र से निकलने वाले कोयला लदे ट्रक का आवागमन बंद।

- परिवहन विभाग के अनुसार धनबाद में तीन लाख 65 हजार गडिय़ां, सभी घरों के अंदर कैद।

- वाहन न चलने के कारण जहरीली गैस सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और धूल के कण आरएसपीएम (रेस्पाइरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) एवं एसपीएम (सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) का उत्सर्जन नहीं।

- फैक्टरियां, दुकान और मॉल बंद, चिमनियों और जेनरेटर से नहीं निकल रहा धुआं।

धनबाद का बढ़ता प्रदूषण वाकई चिंता का विषय है। लॉकडाउन की वजह से गाडिय़ां बंद, फैक्टरियां बंद, कोयला ढुलाई भी लगभग न के बराबर है, पूरा धनबाद घरों में है, इसी वजह से पीएम-10 में जबरदस्त कमी हुई है। यह वाकई में राहत की बात है। धनबाद का प्रदूषण कम करने के लिए यहां की जनता को भी आगे आना होगा। विभाग भी प्रदूषण की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर कदम उठा रहा है। केंद्र से राशि मिल चुकी है, नगर निकायों को भेज दी गई है। 

- आरएन चौधरी, क्षेत्रीय पदाधिकारी झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड


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