थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चे को नहीं मिल रहा खून, ब्लड बैंक ने कहा- डोनर लाओं; रक्तदाताओं को नहीं मिल रहा पास Dhanbad News
लॉकडाउन के बाद धनबाद में खून की किल्लत शुरू हो गई है। पीएमसीएच का ब्लड बैंक आने वाले दिनों में ड्राइ हो सकता है। वहीं खून नहीं मिलने से थैलेसीमिया पीड़ितों की जान जा सकती है।
धनबाद, जेएनएन। कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन है। इसके साथ ही जिले में विभिन्न प्रकार के होने वाले रक्तदान शिविर भी स्थगित हो गए हैं। रक्तदान शिविर स्थगित होने का सीधा असर पीएमसीएच के ब्लड बैंक पर दिखने लगा है। ब्लड बैंक में मात्र एक सौ यूनिट खून बचा है। सबसे ज्यादा परेशानी थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को हो रही है। थैलेसीमिया के बच्चों को यहां आने के बाद प्रबंधन हाथ खड़े कर दे रहा है।
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि ब्लड बैंक में खून की कमी हो रही है। ऐसे में अपने-अपने डोनर लेकर आएं। अब डोनर को लेकर परिजन काफी परेशान हैं। लगभग 70 यूनिट ब्लड बी पॉजिटिव है। बाकी अन्य ग्रुप के ब्लड हैं। नेगेटिव ब्लड ग्रुप का एक भी ब्लड नहीं है।
हर दिन 20 से 30 यूनिट खून जरूरत : जिले में लॉकडाउन के बावजूद हर दिन 20 से 30 मिनट खून की जरूरत पड़ रही है। वहीं, रक्तदान शिविर स्थगित होने के कारण ब्लड बैंक को खून नहीं मिल पा रहा है। अभी लगभग एक सौ यूनिट खून बचा है। यही स्थिति रही तो कुछ दिनों में ब्लड बैंक ड्राई हो जाएगा। इसका सीधा असर मरीजों पर दिखने लगेगा।
कतरास के बच्चे की हालत नाजुक 2 ग्राम हीमोग्लोबिन : कतरास के थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे सोनी की हालत खराब है। इसके शरीर में मात्र दो ग्राम हिमोग्लोबिन ही बचा है। पीएमसीएच के ब्लड बैंक ने डोनर लाने को कहा है, लेकिन लॉकडाउन के कारण अब डोनर को लेकर ही बड़ी परेशानी शुरू हो गई है।
डोनर को जिला प्रशासन नहीं दे रहा पास : सबसे बड़ी परेशानी लॉकडाउन को लेकर हो गई है। घरों से रक्त दाताओं का निकलना बंद हो गया। बुधवार को कुछ रक्तदाता डीसी ऑफिस पहुंच कर अपने लिए अलग से पास की मांग की। लेकिन उन्हें पास उपलब्ध नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि यदि पास नहीं मिल पाता है,तो अस्पताल जाने में काफी सुविधा होगी। जिसका सीधा असर थैलेसीमिया के बच्चों के पड़ेगा उनकी जान भी जा सकती है।
क्या कहते हैं रक्तदाता :
- रक्तदान शिविर स्थगित हो जाने के बाद इसका असर ब्लड बैंक पर दिख रहा है। ब्लड बैंक हाथ खड़े कर रहा है। खून के लिए छोटे-छोटे बच्चे थैलेसीमिया पीड़ित परेशान है। उन्हें खून नहीं मिला तो बच्चे की मौत हो जाएगी। जिला प्रशासन को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि रक्तदाताओं को घर से अस्पताल और अस्पताल से घर तक लाया जाए। -शालिनी खन्ना, रक्तदाता
- जिला प्रशासन से अलग से पास की मांग की गई, लेकिन कोई पहल नहीं हुई है। ऐसे में समय पर जरूरतमंदों को खून नहीं मिला तो उनकी जान जा सकती है। थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को बिना डोनर के खून देना है। लेकिन आप ब्लड बैंक वाले डोनर मांग रहे हैं। -अंकित राजगढ़िया, रक्तदाता
- रक्त दान शिविर स्थगित होने के बाद ब्लड बैंक की परेशानी बढ़ गई है। जो भी ब्लड है, काफी सीमित मात्रा में है। मजबूरी में थैलेसीमिया के लिए डोनर की मांग की जा रही है। डोनर ब्लड डोनेट करते हैं तो ब्लड बैंक की स्थिति थोड़ी ठीक रहेगी। आने वाले दिनों में ब्लड बैंक ड्राई भी हो सकता है। हालांकि हम लोग कोशिश कर रहे हैं। -डॉ पीके सिंह, प्रभारी, ब्लड बैंक पीएमसीएच।