झरिया पुनर्वास योजना में संशोधन पर विचार, लीगल टाइटल होल्डर व नॉन लीगल टाइटल होल्डर के मुआवजे को लेकर बनेगा प्लान
कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि झरिया पुनर्वास योजना के मास्टर प्लान में संशोधन को लेकर विचार हो रहा है। हालांकि इसपर कब तक विचार चलेगा चेयरमैन ने नहीं बताया।
धनबाद, जेएनएन। झरिया में भूमिगत आग के कारण मानव जीवन को खतरा होने के मद्देनजर लोगों का पुनर्वास जरूरी है। इसका मास्टर प्लान तैयार है। झरिया पुनर्वास विकास प्राधिकार (जेआरडीए) के तहत पुनर्वास भी कराया जा रहा है। हालांकि झरिया पुनर्वास योजना के मास्टर प्लान में संशोधन को लेकर विचार हो रहा है। कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने शुक्रवार को कोयला भवन में यह बात कही। वे यहां डीसी, बीसीसीएल व सीएमपीडीआइएल अधिकारियों के साथ झरिया पुनर्वास योजना पर चर्चा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान में संशोधन के मुद्दे पर अधिकारियों की टीम काम कर रही है। बड़ी योजना है इसलिए समय लगेगा। जमीन समेत कई समस्याएं आ रही हैं। धनबाद में काफी कोयला है। उन्होंने जानकारी दी कि मुनीडीह खदान में उच्च तकनीक से कोयला खनन 2022 तक शुरू हो जाएगा। यह देश की भूमिगत खदानों के बीच मॉडल के रूप में होगी।
इधर, धनबाद उपायुक्त अमित कुमार ने बैठक के बाद बताया कि झरिया पुनर्वास योजना की गति में तेजी कैसे लाएं इस पर विस्तार से चर्चा हुई। लीगल टाइटल होल्डर व नॉन लीगल टाइटल होल्डर के मुआवजा का एक प्लान तैयार हो जाए, इस पर विमर्श हुआ। इस प्लान को हाईपावर कमेटी की बैठक में रखा जाएगा। भूमिगत आग की रोकथाम के लिए भी प्लान तैयार करने की बात हुई। बैठक में बीसीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद, निदेशक आरएस महापात्रा, चंचल गोस्वामी, सिमरन दत्ता, जीएम समन्वय एके दत्ता, जीएमपी संतोष सिन्हा आदि थे।
कोयला उत्पादन बढऩे से आयात होगा कम : बैठक में कहा गया कि झरिया में पर्याप्त कोकिंग कोल है। लोगों का सुरक्षित तरीके से पुनर्वास कर उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाए। कोयला का उत्पादन बढऩे से उसके आयात में कमी आएगी।
हार्डकोक उद्योग को लिकेंज नहीं ऑक्शन से लेना होगा कोयला : कोल इंडिया चेयरमैन ने कहा कि कोयला नीति के तहत अब हार्डकोक उद्योग को लिकेंज नहीं ऑक्शन के जरिए कोयला लेना होगा। इस मुद्दे पर बीसीसीएल सीएमडी से भी राय ली गई है।
कॉमर्शियल माइनिंग से कोल इंडिया को फर्क नहीं : अग्रवाल ने कहा कि कोल इंडिया को कमर्शियल माइनिंग से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। प्रतिस्पर्धा के दौर में काम करना और शानदार होता है। उन्होंने कहा कि सोलर एनर्जी को लेकर भी कोल इंडिया काम कर रही है।