JMM के संस्थापक सदस्य अजीत के शव का कोई दावेदार नहीं, पुलिस के डर से भाई फरार Dhanbad News
अजित सेनगुप्ता के पोस्टमार्टम के बाद शव लेने कोई भी परिवार का सदस्य पीएमसीएच नहीं पहुंचा। इसलिए शव पीएमसीएच में ही पड़ा है।
धनबाद, जेएनएन। झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्यों में एक व धनबाद के हीरापुर ज्ञान मुखर्जी रोड निवासी 66 वर्षीय अजीत सेनगुप्ता ने अपने घर में शनिवार-रविवार की मध्य रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। अजीत ने अपने छोटे भाई गौतम सेनगुप्ता पर आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए दीवार पर ही सुसाइड नोट लिखा था। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद अजीत का शव पीएमसीएच में पड़ा हुआ है। शव को लेने के लिए कोई दावेदार सामने नहीं आ रहा है। गिरफ्तारी के डर के अजीत के भाई गाैतम सेनगुप्ता फरार हो गए हैं। उनपर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप है।
झामुमो के धनबाद नगर अध्यक्ष देबू महतो ने धनबाद थाना में लिखित शिकायत कर अजीत के तीन भाई-बहनों पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि पैतृक संपत्ति के लिए सब मिलकर प्रताड़ित करते थे। अजित अविवाहित थे। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद परिवार का कोई सदस्य शव लेने पीएमसीएच नहीं पहुंचा। इसलिए शव पीएमसीएच में ही पड़ा है। नियमानुसार अगर कोई शव लेने सामने नहीं आता है तो तीन दिन बाद ही उसका दाह-संस्कार किया जा सकता है। देबू महतो ने बताया कि झामुमो नियमानुसार अजीत का दाह-संस्कार करेगा।
घर व जमीन दान करने की थी इच्छा : अजीत ने दीवारों पर लिखे सुसाइड नोट में कहा है- वे अपने घर के दो कमरे झामुमो कार्यालय के लिए दे रहे हैं। घर के पीछे उनके हिस्से की चार कट्ठा जमीन बांग्ला उन्नयन समाज को दे दी जाए। 6 सितंबर को उन्होंने अपने कमरे की दीवार पर लिखकर यह इच्छा जाहिर की थी। धनबाद थाना प्रभारी नवीन कुमार राय ने बताया कि मामला संपत्ति विवाद से जुड़ा लग रहा है। भाई-बहन पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप है। अजीत के भाई फरार हैं। पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है।