DC और JMADA के हड़ताली कर्मचारियों में नहीं बनी बात, पांचवे दिन भी नहीं चला पानी Dhanbad News
एक जनवरी 2006 से छठा वेतनमान लागू करने और 40 माह का बकाया वेतन देने को लेकर झमाडाकर्मियों की डीसी अमित कुमार के साथ वार्ता हुई। वार्ता विफल रही।
धनबाद, जेएनएन। चार दिन से चल रही झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (झमाडा) के कर्मियों की हड़ताल सोमवार को उपायुक्त से वार्ता के बाद भी बेनतीजा रही। इस कारण झरिया समेत पुटकी-केंदुआ व आसपास के इलाकों की बड़ी आबादी को जलसंकट से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। हड़ताल के कारण मंगलवार को पांचवे दिन भी झरिया और इसके आसपास के क्षेत्रों में पानी नहीं चला।
एक जनवरी 2006 से छठा वेतनमान लागू करने और 40 माह का बकाया वेतन देने को लेकर झमाडाकर्मियों की डीसी अमित कुमार के साथ आधा घंटे बैठक हुई। इसमें माडा एमडी चंद्रमोहन कश्यप समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। डीसी ने कहा कि झमाडाकर्मियों को छठे वेतनमान के अनुसार वेतन भुगतान किया जाएगा। उन्होंने हड़ताल समाप्त करने का भी आह्वान किया। काफी देर तक परामर्श के बाद कर्मियों ने निर्णय लिया कि एग्रीमेंट मिलने के बाद ही हड़ताल खत्म करने पर निर्णय लेंगे। यूनियन के नेता रामप्रवेश शर्मा ने बताया कि हमें अभी तक एग्रीमेंट की कॉपी नहीं मिली है। सुनने को मिला है कि आश्वासन की बातें भी बदल दी गई हैं। जब तक हमें एग्रीमेंट नहीं मिलता, हड़ताल जारी रखेंगे। देर रात तक प्रदर्शनरत कर्मियों को एग्रीमेंट नहीं मिला। झमाडाकर्मियों के साथ विधायक राज सिन्हा मौजूद थे।
झरिया, केंदुआ व पुटकी सहित कई इलाके के 10 लाख लोग प्रभावितः झमाडाकर्मियों की हड़ताल के कारण जामाडोबा जल संयत्र से जलापूर्ति न होने की वजह से झरिया से लेकर केंदुआ-पुटकी सहित आसपास के इलाके में जलापूर्ति बाधित रही। लगभग दस लाख की आबादी पिछले चार दिन से पानी के संकट से गुजर रही है। जामाडोबा में ही हड़ताल और प्रदर्शन करने के बाद सोमवार को सभी धनबाद मुख्यालय पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। उन्होंने रैली निकाली और कुछ देर के लिए झमाडा का कामकाज ठप कर दिया। बता दें कि 40 माह का वेतन बकाया और नियमित वेतन न मिलने से नाराज झमाडाकर्मियों का एक गुट शुक्रवार से हड़ताल पर है। झमाडाकर्मियों का एटक ग्रुप इस हड़ताल से अलग रहा। प्रदर्शन करने वालों में सतीश चंद्रा, सुशांत, नरेंद्र कुमार, संजय सिंह, विनय कुमार पांडेय, यामावती, अनंत कुमार, विजय कुमार तिवारी, नंदकिशोर प्रसाद, धर्मेंद्र कुमार सिंह, रामप्रवेश, सूरज कुमार रवानी आदि शामिल थे।