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हाथियों के झुंड को गिरिडीह जिला में कराया प्रवेश

संस टुंडी टुंडी पहाड़ में ठहरे 21 हाथियों के झुंड ने शनिवार की देर रात टुंडी इलाके को छोड़कर गिरिडीह के पीरटांड़ सीमा में प्रवेश किया। इस दौरान हाथियों के झुंड ने 10 गांवों को पार करते हुए किसानों के धान के फसल को कुचल डाला। हाथियों के झुंड को टुंडी पहाड़ से निकालने में 32 प्रशिक्षित मशालचियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 07:06 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 07:06 PM (IST)
हाथियों के झुंड को गिरिडीह जिला में कराया प्रवेश
हाथियों के झुंड को गिरिडीह जिला में कराया प्रवेश

संस, टुंडी : टुंडी पहाड़ में ठहरे 21 हाथियों के झुंड ने शनिवार की देर रात टुंडी इलाके को छोड़कर गिरिडीह के पीरटांड़ सीमा में प्रवेश किया। इस दौरान हाथियों के झुंड ने 10 गांवों को पार करते हुए किसानों के धान के फसल को कुचल डाला। हाथियों के झुंड को टुंडी पहाड़ से निकालने में 32 प्रशिक्षित मशालचियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। बता दें कि टुंडी में हाथियों का झुंड पिछले नौ माह से ठहरने के बाद पिछले चार दिनों से किसानों की खड़ी धान की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे। मुआवजा की मांग करते हुए झामुमो ने प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद वन विभाग ने मशालचियों को लाकर टुंडी पहाड़ से भगाकर गिरिडीह पीरटांड़ प्रखंड के जमुनियांटांड में प्रवेश कराया। टुंडी से खदड़ने के क्रम में हाथियों के झुंड ने सलैया, जियाजोरी, भुरकुंडा, विरामपहाड़ी, संथालडीह, कर्माटांड, भुसकी, नवादा, पोस्तमारा, डंडाटांड आदि गांवों के खड़ी धान के फसल को खाया एवं बर्बाद किया। फॉरेस्टर नागेश्वर चौधरी ने बताया कि झुंड में 18 बड़े हाथी और तीन बच्चे शामिल थे। टुंडी प्रखंड भाजपा के पूर्व महामंत्री निमाय कुमार सिंह ने वन विभाग से अविलंब किसानों को मुआवजा देने की मांग की है।

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