गर्मी में कम रहेगा तापमान, सर्दी में कम लगेगी ठंड
पूर्वी टुंडी से लौट कर तापस बनर्जी जी हां अगर आप हरी-भरी छत देखना चाहते हैं तो एक
पूर्वी टुंडी से लौट कर तापस बनर्जी :
जी हां, अगर आप हरी-भरी छत देखना चाहते हैं तो एक बार पूर्वी टुंडी के गांव बेजरा जरूर जाइये। ग्रीन हाउस के माध्यम से हो रहे सीडलीन के उत्पादन से जहां गांव की महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं, वहीं छत पर खेती से घर का तापमान भी राहत दे रहा है। इससे न सिर्फ गर्मी बल्कि सर्दी में भी तापमान को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलेगी।
आजीविका उत्पादक समूह सखी मंडल से जुड़कर मोहलीडीह पंचायत के बेजरा गांव की महिलाओं ने जबा आजीविका सखी मंडल बनाया। इसमें 10 महिलाएं शामिल हुई जिन्हें सरकार से एक लाख रुपये की मदद मिली। इस राशि से उन्होंने हाई वैल्यू ऐडेड एग्रीकल्चर तकनीक से घर की छत पर छोटे-छोटे पौधों का उत्पादन शुरू किया। पौधे तैयार होने पर पूर्वी टुंडी के 45 उत्पादक समूहो को उन्हें उपलब्ध कराया जाता है। इससे होनेवाली आमदनी का कुछ हिस्सा महिलाएं अपने पास रखती हैं। शेष रकम से बीज, खाद व अन्य सामान की खरीदारी की जाती है।
- 22 से 25 दिन में तैयार हो जाते हैं पौधे
- एक बार में 10 हजार तक की हो जाती है बचत
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एक्सपर्ट व्यू
छत पर सीडलीन का कंसेप्ट अगर सुदूर गांव तक पहुंचा है तो यह बड़ी बात है। शहर के लोगों को भी इसे अपनाना चाहिए। गांव की महिलाएं जिस तकनीक से उत्पाद कर रही हैं उससे छत पर जल रिसाव की संभावना भी नहीं रहेगी। गर्मी के दिनों में नीचे का तापमान अपेक्षाकृत कम रहेगा। यानी गर्मी कम लगेगी। साथ ही सर्दियों में भी तापमान को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलेगी।
डॉ. डीबी सिंह,
वरिष्ठ वैज्ञानिक, सिंफर
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हाई वैल्यू ऐडेड एग्रीकल्चर तकनीक से घर की छत पर महिलाएं सीडलीन कर स्वरोजगार से जुड़ रही हैं। भविष्य में और बेहतर करने के लिए उन्हें सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
सुरेश कुमार सिन्हा,
बीडीओ, पूर्वी टुंडी
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महिलाओं के बोल
सरकार से कुछ राशि मिली थी और कुछ हम महिलाएं मिलाकर इसे शुरू किया है। अभी थोड़ा मुनाफा हो रहा है। उम्मीद है भविष्य में और बेहतर कर सकेंगे।
सुखी देवी, सदस्या सखी मंडल
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बीजारोपण से लेकर खाद डालने तक का काम हम महिलाएं कर रही हैं। एक न एक दिन इससे आत्मनिर्भरता की मंजिल मिल ही जाएगी।
जोबा देवी, सदस्या सखी मंडल
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10 महिलाएं मिलकर अपने पैरों पर खड़े होने के लिए गांव में ही छोटे-छोटे पौधे उगा रहे हैं। इससे होनेवाली आमदनी से रोजमर्रा के खर्च निकल जा रहे हैं।
शादी मंडलाइन, सदस्या, सखी मंडल
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आजीविका उत्पादक समूह सखी मंडल से जुड़कर गांव की महिलाओं ने नई शुरुआत की है। इसमें सभी महिलाएं ही हैं जो पौधे उगा रही हैं।
अष्टमी देवी, सदस्या सखी मंडल