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रिश्वत लेते कतरास थानेदार के बॉडीगार्ड तो एसीबी ने दबोचा

संवाद सहयोगी कतरास एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) धनबाद की टीम ने शुक्रवार सुबह करीब 10.30

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 09:45 PM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 09:45 PM (IST)
रिश्वत लेते कतरास थानेदार के बॉडीगार्ड तो एसीबी ने दबोचा
रिश्वत लेते कतरास थानेदार के बॉडीगार्ड तो एसीबी ने दबोचा

संवाद सहयोगी, कतरास : एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) धनबाद की टीम ने शुक्रवार सुबह करीब 10.30 बजे कतरास थानेदार विनोद उरांव के बॉडीगार्ड सत्येंद्र कुमार सिंह को चार हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। स्थानीय रेलवे माल गोदाम के पास शिकायतकर्ता रवींद्र यादव से वह रिश्वत की राशि ले रहा था। मौके पर टीम के सदस्यों ने उसे धर दबोचा और उसके पास से सरकारी पिस्तौल लेकर कतरास थानेदार को सौंप दिया। 16 सदस्यीय टीम उसे कतरास थाना के बैरेक लेकर पहुंची, जहां वह सोता था। उसकी बर्दी खुलवाई तथा बिछावन व बक्से की तलाशी ली। कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद टीम उसे अपने साथ धनबाद ले गयी।

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छाताबाद कैलूडीह खटाल निवासी रवींद्र यादव ने भ्रष्टाचार एसीबी से लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की थी। शिकायत में रवींद्र यादव ने कहा है कि 8 मई को छेड़खानी को लेकर कतरास थाना में लिखित शिकायत दी थी। आरोपित बबलू के भाई नवल यादव ने दूसरे दिन रवींद्र यादव सहित अन्य के खिलाफ मारपीट व छिनतई का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दी थी। पुलिस दोनों की शिकायत पर अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कर जांच कर रही थी। रवींद्र ने कहा कि प्राथमिकी के 20 दिन बाद बॉडीगार्ड उसके घर पहुंचा और कहा कि दोनों पक्ष पर केस हुआ है। केस मजबूत बनाने के नाम पर छह हजार रुपये की मांग की। रुपये नहीं देने पर साहब से कहकर उसे जेल भेजवाने की धमकी दी। वह बराबर घर आकर धमका रहा था कि पैसा दो नहीं तो जेल भेजवा देंगे। आर्थिक तंगी का हवाला देकर जब रवींद्र ने कहा कि इतने रुपये नही देंगे, तो सत्येंद्र ने कहा कि पांच हजार से एक रुपये कम नहीं लेंगे। काफी मिन्नत के बाद सत्येंद्र चार हजार पर मान गया। लेकिन यह रकम देने में रवींद्र सक्षम नहीं था। उसने इसकी सूचना एसीबी कार्यालय को दी। शिकायत का सत्यापन के बाद एसपी ने टीम बनाकर रेलवे मालगोदाम के दुर्गा मंदिर के पीछे से उसे धर दबोचा। ------------

जिस मामले में पैसे की मांग की थी वह केस 27 जुलाई को ही डिस्पोजल हो चुका था। अनुसंधानकर्ता कतरास थाना के जमादार सीताराम प्रसाद ने कहा कि दोनों मामले में चार्जशीट काटकर कोर्ट भेजा जा चुका है।


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