पुलिस ने पूछताछ के लिए घर के बाहर दी दबिश, अंदर फंदे पर झूल गई युवती Dhanbad News
आर्यन की हत्या के मामले में पुलिस नेहा के पिता अनिल को दो दिन पूर्व पूछताछ के लिए तेतुलमारी थाना ले गई थी। बुधवार की रात को पुलिस उसे छोडी थी और गुरुवार सुबह में बुलाई थी।
By mritunjayEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 02:56 PM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 08:54 AM (IST)
कतरास, जेएनएन। खास सिजुआ के महज आठ साल के आर्यन की रहस्यमय तरीके से हुई मौत के मुकदमे का खुलासा नहीं हो सका है। आर्यन की मौत के मुकदमे के अनुसंधान के दौरान किराना दुकानदार अनिल कुमार बर्णवाल की बेटी 20 साल की नेहा की भी मौत हो गई।
आर्यन की मौत मनोज चौहान के असलहे से निकली गोली से हुई थी। मनोज के मोबाइल नंबर से अनिल कुमार के नंबर पर आर्यन की मौत की रात नौ बार बात हुई। अनिल का दावा था कि उसकी मनोज से बात नहीं हुई, शायद घर वालों की हुई हो। गुरुवार को पुलिस अनिल के घर गई। मकसद था कि अनिल की पत्नी, बेटी और बेटा को थाना लाकर पूछताछ की जाय। पुलिस के रहते नेहा घर के एक कमरे में गई। कुछ मिनट बाद उसका शरीर दुपïट्टा से झूलता पाया गया।
इसके बाद वहां कोहराम मच गया। पुलिस ने दुपट्टा से झूलती नेहा की तस्वीर ली। इसमें कुछ वक्त लग गया। इसके बाद उसे अशर्फी अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव घर लाया गया तो लोग उखड़ गए। छह घंटे तक लोगों ने शव को उठाने नहीं दिया। ग्र्रामीण एसपी के बाद डीएसपी ने दोषी पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया तो लोग शव उठाने दिया।
धनबाद नगर निगम के पार्षद राम मूर्ति सिंह उर्फ छोटू सिंह की मानें तो मंगलवार की रात करीब 11 बजे पुलिस अनिल कुमार बर्णवाल को घर से उठाकर थाना ले गई थी। बुधवार की रात अनिल को इस शर्त पर थाना से छोड़ा गया था कि वे गुरुवार की सुबह 11 बजे थाना आ जाएंगे। गुरुवार की सुबह साढ़े दस बजे वे अनिल कुमार बर्णवाल को साथ लेकर थाना जाने के लिए निकले थे। पार्षद छोटू सिंह ने बताया कि उसी अवधि में पत्नी, बेटी नेहा और बेटा को पूछताछ के लिए थाना ले जाने के लिए पुलिस अनिल के घर चली गई। थाना परिसर में कदम रखा ही था कि उनके मोबाइल पर एएसआइ सत्येंद्र ङ्क्षसह का फोन आया कि अनिल को जल्द घर भेजिए। अनिल घर गए तो देखा कि नेहा अचेत पड़ी है। उसे तत्काल वैन से अशर्फी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आर्यन की मौत मनोज चौहान के असलहे से निकली गोली से हुई थी। मनोज के मोबाइल नंबर से अनिल कुमार के नंबर पर आर्यन की मौत की रात नौ बार बात हुई। अनिल का दावा था कि उसकी मनोज से बात नहीं हुई, शायद घर वालों की हुई हो। गुरुवार को पुलिस अनिल के घर गई। मकसद था कि अनिल की पत्नी, बेटी और बेटा को थाना लाकर पूछताछ की जाय। पुलिस के रहते नेहा घर के एक कमरे में गई। कुछ मिनट बाद उसका शरीर दुपïट्टा से झूलता पाया गया।
इसके बाद वहां कोहराम मच गया। पुलिस ने दुपट्टा से झूलती नेहा की तस्वीर ली। इसमें कुछ वक्त लग गया। इसके बाद उसे अशर्फी अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव घर लाया गया तो लोग उखड़ गए। छह घंटे तक लोगों ने शव को उठाने नहीं दिया। ग्र्रामीण एसपी के बाद डीएसपी ने दोषी पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया तो लोग शव उठाने दिया।
धनबाद नगर निगम के पार्षद राम मूर्ति सिंह उर्फ छोटू सिंह की मानें तो मंगलवार की रात करीब 11 बजे पुलिस अनिल कुमार बर्णवाल को घर से उठाकर थाना ले गई थी। बुधवार की रात अनिल को इस शर्त पर थाना से छोड़ा गया था कि वे गुरुवार की सुबह 11 बजे थाना आ जाएंगे। गुरुवार की सुबह साढ़े दस बजे वे अनिल कुमार बर्णवाल को साथ लेकर थाना जाने के लिए निकले थे। पार्षद छोटू सिंह ने बताया कि उसी अवधि में पत्नी, बेटी नेहा और बेटा को पूछताछ के लिए थाना ले जाने के लिए पुलिस अनिल के घर चली गई। थाना परिसर में कदम रखा ही था कि उनके मोबाइल पर एएसआइ सत्येंद्र ङ्क्षसह का फोन आया कि अनिल को जल्द घर भेजिए। अनिल घर गए तो देखा कि नेहा अचेत पड़ी है। उसे तत्काल वैन से अशर्फी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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