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PMCH अधीक्षक का कारनामा: जिस डॉक्टर की रिपोर्ट की करनी थी जांच, उसे ही बोर्ड में कर लिया शामिल

Jharkhand High Court ने एक याचिका की सुनवाई के क्रम में दो चिकित्सकों की रिपोर्ट में विरोधाभास होने पर रिपोर्ट की सत्यता की जांच का आदेश पीएमसीएच के अधीक्षक को दिया था।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 18 Aug 2019 08:35 PM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 08:24 AM (IST)
PMCH अधीक्षक का कारनामा: जिस डॉक्टर की रिपोर्ट की करनी थी जांच, उसे ही बोर्ड में कर लिया शामिल

रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। झारखंड हाई कोर्ट ने पीएमसीएच धनबाद के जिस चिकित्सक की रिपोर्ट की जांच का आदेश दिया था, उसी चिकित्सक को जांच बोर्ड में शामिल कर लिया गया है। हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध यह गंभीर लापरवाही धनबाद स्थित पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) के अधीक्षक द्वारा की गई है। झारखंड हाई कोर्ट द्वारा इस पर गंभीर टिप्पणी करने तथा कार्रवाई के आदेश के बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने पीएमसीएच के अधीक्षक को तलब किया है।

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उन्होंने अधीक्षक को सारे संबंधित कागजात और फाइलों के साथ सोमवार को अपने कार्यालय में आने को कहा है। दरअसल, झारखंड हाई कोर्ट ने धनबाद के बरवाअड्डा थाना कांड संख्या 167/18 से संबंधित एक याचिका की सुनवाई के क्रम में दो चिकित्सकों की रिपोर्ट में विरोधाभास होने पर रिपोर्ट की सत्यता की जांच मेडिकल बोर्ड गठित कर करने का आदेश पीएमसीएच के अधीक्षक को दिया था।

इधर, पीएमसीएच अधीक्षक ने उक्त मेडिकल बोर्ड में चिकित्सक डॉ. स्वप्न कुमार सरकार, फॉरेंसिक विभाग को भी शामिल कर लिया, जिसकी रिपोर्ट की जांच का आदेश कोर्ट ने दिया था। सुनवाई के क्रम में हाई कोर्ट ने इस पर गंभीर टिप्पणी करते हुए इसे कोर्ट की अवमानना बताया है। साथ ही डॉक्टरों द्वारा बरती गई लापरवाही से मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) को अवगत कराने का निर्देश स्वास्थ्य सचिव को दिया। कोर्ट ने एमसीआइ को इस मामले की जांच का आदेश देते हुए की गई कार्रवाई से अवगत भी कराने को कहा है।

एक डॉक्टर ने कहा- गर्भवती थी महिला, दूसरे ने कहा- नहीं था गर्भ

कांड से संबंधित मृतिका अंजुम बानो का पोस्टमार्टम पीएमसीएच के फॉरेंसिक विभाग के चिकित्सक स्वपन कुमार सरकार ने 11 अगस्त 2018 को किया था। उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उल्लेख किया कि पोस्टमार्टम में मृतिका का गर्भ होने का कोई साक्ष्य नहीं मिला। वहीं, कोर्ट के समक्ष रखी गई अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में गर्भ होने का जिक्र किया गया।

क्लिनीलैब डाइग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर के चिकित्सक योगेश आनंद ने घटना से पूर्व पांच अगस्त 2018 को अंजुम बानो का अल्ट्रासाउंड किया था। कोर्ट ने दोनों की रिपोर्ट के विरोधाभासी होने के कारण दोनों की सत्यता की जांच करने तथा दोषी डॉक्टरों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई का निर्देश एमसीआइ को दिया है। साथ ही स्वास्थ्य सचिव को इस प्रकरण से एमसीआइ को अवगत कराने को कहा है।


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