राज्य सरकार ने किया बड़ा बदलाव, अब 104 डायल करते ही 10 मिनट में घर पहुंचेगा ममता वाहन Dhanbad News
स्वास्थ्य सेवा को आम लोगों तक तेजी से पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने ममता वाहन योजना में बड़ा बदलाव किया है। अब ममता वाहन योजना को 104 परामर्श योजना के साथ मर्ज किया जा रहा है।
मोहन गोप, धनबाद: स्वास्थ्य सेवा को आम लोगों तक तेजी से पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने ममता वाहन योजना में बड़ा बदलाव किया है। अब ममता वाहन योजना को 104 परामर्श योजना के साथ मर्ज किया जा रहा है। अब तक जिला स्तर से संचालित होने वाले ममता वाहन कॉल सेंटर को राज्य स्तर से संचालित किया जायेगा। राज्य मुख्यालय में अलग से कॉल सेंटर स्थापित होगा, जो एक साथ तमाम जिलों में सेवा प्रदान करेगा। दरअसल, 108 एंबुलेंस की सफलता के बाद सरकार ममता वाहन को भी हाई टेक कर रही है। धनबाद में फिलहाल 60 वाहन चल रहे हैं। पूरे राज्य में ढाई हजार से ज्यादा ममता वाहन हैं।
पांच करोड़ रुपये होंगे खर्च: ममता वाहन योजना को मर्ज करने व इसे और हाइटेक बनाने के लिए सरकार इस पर पांच करोड़ रुपये खर्च करेगी। झारखंड के किसी भी गांव से 104 नंबर डायल करके ममता वाहन सेवा की अपील कर सकते हैं। इसके बाद सबसे नजदीकी ममता वाहन को सूचित किया जायेगा। ममता वाहन पता के अनुसार लाभुक के घर के पास पहुंच जाएगा।
जीपीआरएस से लैस होंगे ममता वाहन: सभी ममता वाहन जीपीआरएस से लैस होंगे। यह वाहन रांची (मुख्यालय) स्थित कॉल सेंटर से जुड़े होंगे। पहले ममता वहन को सरकार प्रति मरीज को घर से अस्पताल व अस्पताल से घर लाने पर 500 रुपये मिलते थे। अब इस राशि को 800 रुपये बढ़ा दिया गया है। इससे कई लोगों को राहत मिलेगी।
जानें ममता वाहन योजना को: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत ममता वाहन योजना चलायी जी रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को रोकना है। मृत्यु होने का एक बड़ा कारण घर पर प्रसव होना भी है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को अस्पताल भेजा है, इसके लिए ममता वाहन की सेवा उपलब्ध कराई गई है, ताकि समय पर गर्भवती माताओं को अस्पताल तक पहुंचाया जाए।