नसीहत पर उबले भाजपाई, एमपीएल से मांगा हिसाब
संवाद सहयोगी निरसा अंडा फटने और मुर्गी मरने पर मुआवजा देने वाली एमपीएल एक दलित गरीब बा
संवाद सहयोगी, निरसा : अंडा फटने और मुर्गी मरने पर मुआवजा देने वाली एमपीएल एक दलित गरीब बाइक चालक की मौत पर 3 दिनों तक संवेदनहीन बनी रही। नेताओं की सुविधा पर प्रतिमाह सात लाख रुपये खर्च करनेवाली कंपनी गरीब के लिए मुआवजा मांगने वालों को औद्यौगिक शांति का पाठ पढ़ाती है। एमपीएल के निर्माण से विस्तारीकरण तक भाजपा ने सभी बाधाएं दूर की है, इसलिए कंपनी को मनमानी करने नहीं दी जाएगी। यह गंभीर आरोप बुधवार को निरसा मंडल भाजपा के महामंत्री मधुरेंद्र गोस्वामी ने लगाया है। बता दें कि सड़क हादसे में मारे गए बाइक चालक को मुआवजा देने की मांग को लेकर रविवार से यहां भाजपा के नेतृत्व में आंदोलन चल रहा था। मंगलवार को मृत चालक के आश्रित को सात लाख रुपये देने की सहमति के बाद आंदोलन समाप्त हुआ था। मंगलवार को ही मपीएल के सीईओ रमेश झा ने समाचार पत्रों के माध्यम से बयान दिया था कि इस प्रकार के आंदोलन को कंपनी को काफी नुकसान हो रहा है। इस बयान से खफा मधुरेंद्र ने बुधवार को प्रेसवार्ता कर कंपनी प्रबंधन से सवालों की झड़ी लगा दी।
मधुरेंद्र ने कहा कि एमपीएल मुआवजा भुगतान के तय मापदंड को सार्वजनिक करे। ग्रामीण पथ पर कोयला एवं छाई ट्रांसपोíटंग में लगे वाहनों से अबतक दर्जनों लोग मारे जा चुके हैं। सीईओ को एमपीएल के इतिहास की जानकारी नहीं है। एमपीएल की स्थापना में भाजपा की अहम भूमिका रही है। यहां की समस्याओं का समाधान भाजपा ने कराई है। भाजपा नेता गणेश मिश्र की पहल पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू एमपीएल आई थीं, तब प्रबंधन ने 25 हजार पौधे लगाने का वादा किया था। कितने पौधे लगे इसकी जानकारी प्रबंधन दे। वैकल्पिक सड़क निर्माण के लिए भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री से प्रबंधन की वार्ता कराई थी, इस दिशा में क्या प्रयास हुआ। एमपीएल से निकलने वाली जहरीली छाई से निरसा के जलाशयों को भरा जा रहा है। इस छाई से सीमेंट तैयार होता तो निरसा के लोगों को रोजगार मिलता। निरसा-जामताड़ा पथ पर स्ट्रीट लाइट आज तक क्यों नहीं लगी। बीते 10 वर्षों में एक सड़क, मजदूरों के लिए कॉलोनी, निरसा के लिए एक अस्पताल और एक स्कूल तक कंपनी नहीं खोल पाई। एमपीएल की बिजली का लाभ भी निरसा को नहीं मिल रहा है। प्रेस वार्ता में यादव राय, धर्मेंद्र प्रसाद आदि मौजूद थे।