'कर्मनाशा की हार' को दर्शकों का मिला भरपूर प्यार
धनबाद : बीसीसीएल के सामुदायिक भवन में चल रहे द्वितीय अखिल भारतीय बहुभाषीय नाटक, नृत्य और संगीत प्रति
धनबाद : बीसीसीएल के सामुदायिक भवन में चल रहे द्वितीय अखिल भारतीय बहुभाषीय नाटक, नृत्य और संगीत प्रतियोगिता के दूसरे दिन द ब्लैक पर्ल्स धनबाद की ओर से 'कर्मनाशा की हार' नामक नाटक का मंचन किया गया। नाटक को दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। मंचन के दौरान जमकर तालियां बजीं और समाप्ति पर निर्णायक मंडली ने भी खुले शब्दों में इसकी प्रशंसा की।
प्रसिद्ध कहानी लेखक डॉ. शिव प्रसाद द्वारा लिखित 'कर्मनाशा की हार' सत्य घटना पर आधारित है। कहानी अंधविश्वास, जात-पात, ऊंच-नीच के बंधन को तोड़ती है। कहानी में गांव में आई बाढ़ को रोकने के लिए एक ओझा मनुष्य बली देने की बात कहता है। अज्ञान में फंसे ग्रामीण उसकी बात मान लेते हैं। गांव की एक विधवा औरत और उसके बच्चे को इसके लिए चुना जाता है। इस विधवा औरत से गांव के ब्राह्मण का छोटा भाई प्यार कर बैठता है। कहानी आगे बढ़ती है तो एक छोटी बच्ची छबीली समाज के भ्रम को तोड़ने का काम करती है। ब्राहम्ण भैरव पांडेय को सच्चाई का ज्ञान होता है और अंत में वे फूलमत को अपनी बहू बना लेते हैं। कर्मनाशा नदी का पानी बिना बलि लिए उतर जाता है। फूलमत के किरदार में रजनी प्रिया, भैरव पांडेय के रूप में सुमीत कुमार की अदाकारी दमदार रही। ओझा बने लक्ष्मण सिंह लोगों को जहां डराने में कामयाब रहे, वहीं छबीली बनी स्वाती अग्रवाल ने दर्शकों को रोने पर विवश कर दिया। धनेसरी भौजी की अदाकारी को भी लोगों ने पसंद किया। इसके अलावा अन्य किरदारों में महाराज मंडल, सुबीर सिन्हा, कुंदन वर्मा, प्रिंस आकाश ने दर्शकों का दिल जीत लिया। नाटक मंचन के बाद निर्णायक मंडली में शामिल असम, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और धनबाद के जजों ने भी खुले शब्दों में इसकी सराहना की। जूनियर और सीनियर वर्ग में गीत, संगीत की प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। इन प्रतियोगिताओं में भी कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। सूबी बावेजा के गीत को काफी सराहना मिली।
कोयलांचल भारत कोकिंग कोल गीत, संगीत एवं नाट्य संघ की अध्यक्ष मिताली मुखर्जी ने कहा कि प्रतियोगिता आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य कलाकारों को राष्ट्रीय स्तर का मंच उपलब्ध कराना है। कार्यक्रम के सफल आयोजन में सचिव राजेंद्र प्रसाद, टीम क्लब इंडिया के संतोष रजक का सराहनीय योगदान रहा। यह प्रतियोगिता 4 मई तक चलेगी। अंतिम दिन रंग जुलूस निकाला जाएगा। इसमें धनबाद समेत बिहार, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, असम आदि के कलाकार भाग लेंगे।