सड़क हादसों की भेंट चढ़ गई कई ¨जदगियां
देवघर : पिछले कुछ वर्षो में सड़क हादसों की संख्या में तेजी दर्ज की गई है। देवघर व आसपास के इलाके में
देवघर : पिछले कुछ वर्षो में सड़क हादसों की संख्या में तेजी दर्ज की गई है। देवघर व आसपास के इलाके में पिछले तीन वर्ष में दो सौ से अधिक लोगों लोगों की मौत सड़क हादसों में हो गई और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं। हर मौत के साथ किसी न किसी परिवार का सहारा उठ गया और परिवार पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा। मासूम बच्चों के सिर से पिता का प्यार बूढ़े मां-बाप का सहारा छिन गया। अधिकांश घटना का निष्कर्ष यही रहा कि दुर्घटना तेज रफ्तार की वजह से हुई। मरनेवालों में कई युवा शामिल है जो कि जोश में अक्सर होश खो बैठते हैं।
सड़क की हालत में सुधार हुई तो गाड़ियों की रफ्तार बढ़ गई। युवा मोटरसाइकिल पर बैठकर हवा से बात करने लगे। ऐसे में जब हादसा हुआ तो उसके परिणाम भी भयावह नजर आए। मोटरसाइकिल के अलावा यहां दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण ऑटो रिक्शा है। ऑटो चालक भी तेज रफ्तार में चलते हैं। ओवरलो¨डग भी करते हैं। परिणाम है कि अक्सर ये ऑटो या तो पलट जाते हैं या किसी दूसरे वाहन से उनकी टक्कर हो जाती है। कई कार भी दुर्घटनाग्रस्त हुए और जानमाल का नुकसान हुआ। देवघर-दुमका, देवघर-सारठ व देवघर-चकाई मुख्य मार्ग पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हुई हैं। ऐसे में जब तक रफ्तार पर ब्रेक नहीं लगेगा हादसों पर भी अंकुश नहीं लग पाएगा।
एक झटके में मिट गया परिवार
पिछले 31 अगस्त को देवघर-सारठ मुख्य मार्ग पर कुम्हारबांधी के पास ट्रक व कार के बीच भीषण टक्कर में एक परिवार का नामोनिशान मिट गया। जिले के मधुपुर थाना अंतर्गत बावनबीघा मोहल्ला निवासी संजय अग्रवाल, उनकी पत्नी ज्योति अग्रवाल व इकलौती बेटी प्रियदर्शनी अग्रवाल उर्फ पल्लवी अपनी कार से देवघर की ओर आ रहे थे। रास्ते में एक तेज रफ्तार ट्रक से ऐसी टक्कर हुई की इन तीनों की मौत हो गई। पूरे परिवार की इहलीला समाप्त हो गई।
करीब दस दिन पूर्व देवघर-कटोरिया मुख्य मार्ग पर कार पेड़ से टकरा गई और हादसे में कार सवार पति-पत्नी जयगो¨वद शर्मा व गीता शर्मा की मौत हो गई। इस वर्ष बेंगलुरू व दिल्ली में हुए अलग-अलग सड़क हादसों में यहां के तीन लोगों ने अपना बेटा खो दिया। दिल्ली में हुए मोटरसाइकिल हादसे में सूबे के कृषि मंत्री रणधीर ¨सह का भांजा व देवघर के जिला परिषद अध्यक्ष रीता राय के बेटे की मौत हो गई। वहीं बेंगलुरू में हुई एक दुर्घटना में मधुपुर के एक प्रसिद्ध उद्योगपति ने अपना बेटा खो दिया। पिछले दिनों ऐसे ही एक सड़क हादसे में देवघर के एक प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ के बेटे की मौत हो गई। ऐसे ही दिल दहला देने वाली घटनाएं आए दिन हो रही हैं।
आंकड़ों की नजर से
वर्ष 2014 - सड़क हादसे 161, मौत 73
वर्ष 2015 - सड़क हादसे 205, 94 मौत
वर्ष 2016 अक्टूबर तक हादसे करीब सवा सौ, मौत 52