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भगवान श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व अनुकरणीय

धनबाद : भगवान श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व अनूठा, अनुपम व अनुकरणीय है। कृष्णावतार पूरी मानवता के लिए क्र

By Edited By: Published: Sun, 28 Aug 2016 10:08 PM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2016 10:08 PM (IST)
भगवान श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व अनुकरणीय

धनबाद : भगवान श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व अनूठा, अनुपम व अनुकरणीय है। कृष्णावतार पूरी मानवता के लिए क्रांतिकारी घटना है। श्रीकृष्ण का जीवन अन्याय के प्रतिकार का और प्रेम का प्रतीक है। आज के समाज में बढ़ रही अपसंस्कृति चिंता का विषय है। बच्चों में संस्कार का निर्माण कर भारतीय सभ्यता की रक्षा की जा सकती है। ये बातें मेयर शेखर अग्रवाल ने रविवार को राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में संस्कार भारती द्वारा आयोजित श्रीकृष्ण बाल रूप सज्जा प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में कहीं।

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गुरुनानक कॉलेज के वाणिज्य विभाग के प्रो. गोपाल जी ने कहा कि श्रीकृष्ण हर आयाम में परिपूर्ण हैं। इसलिए वे पूर्णावतार हैं। व्यक्ति को शांति व समाज को क्रांति की जरूरत होती है। ये दोनों ही तत्व श्रीकृष्ण में हैं। संबोधन से पूर्व संस्कार भारती के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने सभी आगंतुक अतिथियों को स्वागत किया और श्रीकृष्ण के बाल रूप की चर्चा की।

संबोधन के बाद प्रतियोगिता प्रारंभ हुई। दो समूह में प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। दोनों में कुल 65 बच्चों ने हिस्सा लिया। श्रीकृष्ण के विभिन्न बाल रूपों में सजे बच्चे सभी का मनमोह रहे थे। निर्णायक मंडली में प्रो. ताप्ती चक्रवर्ती, वशिष्ठ प्रसाद सिन्हा, विनोती त्रिवेदी, प्रो. मीना मालखंडी व कार्तिक कुमार मौजूद थे। मौके पर आरएसएस के महानगर संघचालक शंकर दयाल बुधिया, मनोज कुमार, प्रो. संगीता नाथ, राजेश विश्वकर्मा, नीरज कुमार प्रसाद, बिंदेश्वरी प्रसाद चौरसिया, कृष्ण कुमार, धीरज शर्मा समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।


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