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एक रुपये में रजिस्ट्री करा दो साल में 10 हजार महिलाएं बनी मालकिन, अब नई सरकार में योजना बंद होने के आसार Dhanbad News

एक रुपये में 50 लाख तक की जमीन व मकान की रजिस्ट्री कराने में धनबाद में पुरुषों की तुलना में 65.97 प्रतिशत महिलाओं ने रजिस्ट्री कराया जो पहले 40 प्रतिशत के आसपास था।

By Sagar SinghEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 11:59 AM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 11:59 AM (IST)
एक रुपये में रजिस्ट्री करा दो साल में 10 हजार महिलाएं बनी मालकिन, अब नई सरकार में योजना बंद होने के आसार Dhanbad News

धनबाद, [मोहन गोप]। एक रुपये में जमीन रजिस्ट्री की सुविधा ने महिलाओं को सशक्त बनाया है। फिलहाल, दो वर्ष के दरम्यान महिलाओं के नाम रजिस्ट्री की बढ़ी संख्या यही सच बयां कर रही है। धनबाद में 65.97 प्रतिशत महिलाएं जमीन की मालकिन बनीं। अब हेमंत सोरेन सरकार महिलाओं को मिली छूट वापस लेने के संकेत दिए हैं। धनबाद में महिलाओं के बीच सीएम के इस फैसले को लेकर नाराजगी देखने को मिली।

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एक रुपये में 50 लाख तक की जमीन व मकान की रजिस्ट्री में धनबाद में पुरुषों की तुलना में 65.97 प्रतिशत महिलाओं ने रजिस्ट्री कराया। 2017 से पूर्व निबंधन कार्यालय में 40 प्रतिशत के आसपास ही महिलाएं निबंधन के लिए आगे आ पाती थीं। योजना आने के बाद तेजी से महिलाओं जमीन की मालकिन बनी।

पिछले दो वर्षो (वित्तीय वर्ष 2018-19 व 2019-20) में 15005 लोगों ने जमीन व मकान की रजिस्ट्री कराई। इसमें 9900 महिलाओं हैं। एक रुपये में महिलाओं को 50 लाख तक संपत्ति पर रजिस्ट्री चार्ज लगने पर धनबाद की महिलाओं ने काफी लाभ उठाया है।

महिलाओं ने क्या कहा : 

  • नारी सशक्तीकरण को लेकर यह योजना अच्छी थी। महिलाओं को भी इससे मालिकाना हक मिलने का अवसर मिला। यदि राजस्व की क्षति हो रही है, तो इसमें थोड़ी-बहुत बदलाव किया जा सकता है, लेकिन बंद नहीं करना चाहिए। -शालिनी खन्ना, झरिया
  • एक रुपये में रजिस्ट्री अच्छी योजना है। इससे महिलाओं को काफी राहत मिली है। घर से लेकर बाहर तक की संपत्ति में महिलाओं की मालिकाना हक में बढ़ोतरी हुई है। -सरस्वती देवी, मनईटांड़

योजना बंद होने का भय

योजना बंद होने की चर्चा के बाद रजिस्ट्री कार्यालय में अचानक से महिलाओं की भीड़ बढ़ गयी है। गुरुवार को दिन भर रजिस्ट्री के लिए महिलाएं व उनके परिजन जमे रहे। निबंधन कार्यालय के कर्मियों में भी योजना को लेकर चर्चा होती रही। कर्मियों का कहना है कि इससे राजस्व में काफी कमी हो गयी है।

98.97 करोड़ की राजस्व क्षति : निबंधन विभाग की आंकड़ों की मानें तो पिछली दो वर्षो में 98.97 करोड़ रुपये की राजस्व की क्षति हुई है। इसका सीधा असर दिख रहा है।

वित्तीय वर्ष 2018-19

  • माह - कुल डीड - महिला डीड
  • अप्रैल- 632 - 413 
  • मई - 940 - 636
  • जून - 781 - 535
  • जुलाई - 1049 - 685
  • अगस्त - 805 - 552
  • सितंबर - 575 - 363
  • अक्टूबर - 742 - 484
  • नवंबर - 705 - 458
  • दिसंबर - 844 - 549
  • जनवरी 2019 - 615 - 404
  • फरवरी 2019 - 801- 527
  • मार्च 2019 -380 - 256

वित्तीय वर्ष 2019-20

  • माह - कुल डीड - महिला डीड
  • अप्रैल - 684 - 476
  • मई - 695 - 461
  • जून - 619 - 465
  • जुलाई - 945 - 599
  • अगस्त - 675 - 428
  • सितंबर - 489 - 288
  • अक्टूबर - 590 - 391
  • नवंबर - 669 - 452

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