आइकॉनिक प्लेस पर हो उच्चत्तम स्तर की स्वच्छता व्यवस्था
स्वच्छ आइकॉनिक प्लेस की राष्ट्रीय स्तर की वार्षिक समीक्षा बैठक सह कार्यशाला का आयोजन स्थानीय होटल के सभागार में मंगलवार को हुआ।
देवघर : स्वच्छ आइकॉनिक प्लेस की राष्ट्रीय स्तर की वार्षिक समीक्षा बैठक सह कार्यशाला का आयोजन स्थानीय होटल के सभागार में मंगलवार को हुआ। इसमें देश के सभी स्वच्छ आइकॉनिक प्लेस से जुड़े तीर्थ स्थलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बाबा बैद्यनाथ की महिमा व बाबानगरी के महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने देवघर में राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम के आयोजन पर हर्ष व्यक्त किया। कहा कि स्वच्छता के लिए दो बार देवघर को पुरस्कार मिला है, यह गर्व की बात है। उन्होंने देवघर में हो रहे विकास कार्य पर चर्चा की।
बैठक में तीर्थ स्थलों व आइकॉनिक प्लेस के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने तीर्थ स्थलों की विशेषता एवं वहां स्वच्छता एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए अपनाई जा रही विशिष्ट प्रबंधन के बारे में विस्तार से चर्चा की। इस दौरान सभी आइकॉनिक प्लेस पर उच्चतम स्तर की स्वच्छता व्यवस्था करने पर बल दिया ताकि इन शहरों को उत्तम स्तर का शहर बनाया जा सके। इसके लिए बेहतर तरीके से कार्य करने की बात कही गई। इस कार्यशाला में माता वैष्णों देवी, पुरी के जगरनाथ मंदिर, ताजमहल, अजमेर शरीफ दरगाह, मीनाक्षी मंदिर, गया तीर्थनगरी, कामख्या मंदिर, यमुनोत्री, गंगोत्री, कनवाश्रम, मुंबई सीएसटी, छत्रपति शिवाजी ट्रमिनल, विधुरकुटी मंदिर, बिजनौर उत्तर प्रदेश, मनिकर्णिका घाट, बिरला धर्मशाला वाराणसी, माणा गांव बदरीनाथ, सोमनाथ आदि के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक सह कार्यशाला की अध्यक्षता सचिव पेयजल एवं स्वच्छता जल शक्ति अभियान भारत सरकार परमेश्वरण अय्यर ने की। मौके पर झारखंड सरकार के स्वच्छता एवं पेयजल विभाग की सचिव अराधना पटनायक, संयुक्त सचिव भारत सरकार समीर कुमार, निदेशक स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण अब्बु इमरान, उपायुक्त नैंसी सहाय, उप विकास आयुक्त शैलेन्द्र कुमार लाल, अनुमंडल पदाधिकारी विशाल सागर उपस्थित थे। विभिन्न जगहों के प्रतिनिधियों ने अनुभव किया साझा : अजमेर शरीफ दरगाह के प्रतिनिधि ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि वहां फूलों के कंपोस्ट तैयार करने के लिए विशिष्ट प्रकार की मशीन लगाई गयी है। इससे प्रतिदिन फूलों से कंपोस्ट बनाने का कार्य किया जाता है। इसके लिए कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। दरगाह के मुख्य प्रवेश द्वार पर काफी संख्या में दिशा सूचक बोर्ड लगाए गए हैं। जगरनाथ पुरी मंदिर के प्रतिनिधि ने श्रद्धालुओं के लिए की जाने वाली दैनिक व्यवस्था की विस्तृत जानकारी दी। कहा कि पहले और अब कि व्यवस्थाओं में काफी परिवर्तन हुए हैं। इस दौरान विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा के बारे में बताया।
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के प्रबंधन पर चर्चा : कामख्या देवी मंदिर के प्रतिनिधि ने भी संपूर्ण परिसर के रखरखाव एवं स्वच्छता एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के प्रबंधन पर चर्चा की। कहा कि इस क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व विशेष चुनौती है। यहां गैर सरकारी संगठनों की अहम भूमिका है, जिसकी मदद से इस स्थल को स्वच्छ, सुंदर एवं इको फ्रेंडली बनाया रखा जाता है।