दुकानदार पुत्र ने यूपीएससी में मारी बाजी
मधुपुर (देवघर) कड़ी मेहनत अपने आप पर भरोसा और विश्वास हो तो सफलता में कोई बाधा नही
मधुपुर (देवघर) : कड़ी मेहनत, अपने आप पर भरोसा और विश्वास हो तो सफलता में कोई बाधा नहीं बन सकता है। यह कहना है मधुपुर निवासी विवेक मोदी का। जिन्होंने लोक सेवा आयोग यूपीएससी की फाइनल परीक्षा में देशभर में 179 वां रैंक लाकर माता-पिता और मधुपुर का नाम रोशन किया। विवेक ने कहा कि 10 से 12 घंटे तक नियमित रूप से सेल्फ स्टडी करता था। विवेक का मकसद गरीब, लाचार और मेहनती बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करना। उन्होंने मधुपुर के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अगर कड़ी लगन और मेहनत पूरे भरोसे के साथ किया जाए तो किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता हासिल करना बिल्कुल आसान है। विवेक की इस सफलता की खबर से उनके घर पर बधाई देनेवालों का तांता लगा है। 25 वर्षीय विवेक ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा पांचवी तक मधुपुर के मदर्स इंटरनेशनल एकेडमी में हुई। दसवीं की परीक्षा 2010 में मधुपुर के कार्मेल स्कूल से पास की। 2012 में इंटरमीडिएट की पढ़ाई वाणिज्य संकाय से संत लॉरिंस हाई स्कूल कोलकाता से हासिल की। बीकॉम की पढ़ाई संत जेवियर्स कॉलेज कोलकाता से 2015 में 77 प्रतिशत अंक प्राप्त कर की। इस दौरान कोलकाता में रहकर 2016 में सीए की परीक्षा पास की थी। इसमें देशभर में विवेक का रैंक 28 वां था। सीए पास करने के बाद कई कंपनियों से नौकरी का ऑफर मिला। लेकिन उनके प्रस्ताव को छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने के लिए दिल्ली चले गए। बाजीराम शैक्षणिक संस्थान से जुड़कर तैयारी शुरू कर दी। पिता दुकान चलाते हैं और मां गृहणी हैं। देवघर की बेटी ने बढ़ाया मान
देवघर : यूपीएससी की मुख्य परीक्षा में देवघर की बेटी ने भी अपने सफलता का झंडा बुलंद करते हुए बाबानगरी के गौरवशाली इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है।
बरमसिया की रहने वाली प्रणता ऐश्वर्या ने यूपीएससी के मुख्य परीक्षा में पहले ही प्रयास में 747वां रैंक हासिल किया है। प्रणता के पिता सुशील कुमार, दरभंगा में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हैं। जबकि मां रश्मि शिखा, छपरा फेमिली कोर्ट में प्रिसिप्ल जज हैं। प्रणता ने मैट्रिक की परीक्षा संत फ्रांसिस स्कूल, देवघर से 86.5 जबकि डीएवी पटना से इंटर की परीक्षा 74 प्रतिशत अंक के साथ उत्तीर्ण की है। बीआईटी मेसरा, रांची से बीसीए तथा एनआईटी कालीकट से एससीए करने के बाद वह जॉब कर रही है। प्रणता ने कहा कि उन्होंने शुरू में कभी सिविल सर्विसेस के बारे में सोचा नहीं था, लेकिन जब जॉब करने के लिए तो लोगों से बातचीत क्रम में उन्होंने इसे अपना लक्ष्य बना लिया और कहा कि देश सेवा के संकल्प के साथ इस क्षेत्र में आई हैं।