किराए के मकान में खुलेगा कोविड-19 जांच लैब
कोविड-19 के संक्रमण की जांच में फिसड्डी संताल परगना में जांच एजेंसी एसआरएल का टेस्ट लैब अब देवघर के जसीडीह-चकाई पथ के किनारे कोयरीडीह में खुलेगा।
देवघर : कोविड-19 के संक्रमण की जांच में फिसड्डी संताल परगना में जांच एजेंसी एसआरएल का टेस्ट लैब अब देवघर के जसीडीह-चकाई पथ के किनारे कोयरीडीह में खुलेगा। इसके लिए 2000 वर्ग फीट की जगह कंपनी ने किराए पर लेकर यहां काम शुरू कर दिया है। संभव है कि लैब की आंतरिक सज्जा व मशीन स्थापित करने का काम अगले चार-पांच दिनों में पूरा हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक एसआरएल देवघर में कोविड-19 के की जांच के लिए लैब स्थापित होने से संताल परगना के सभी छह जिले देवघर, दुमका, पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा एवं जामताड़ा के अलावा गिरिडीह व बिहार के जुमई, बांका, भागलपुर का भी सैंपल जांच आसानी से संभव हो सकेगा। पहले देवघर के पुराना सदर अस्तपाल में दी गई थी जगह : कोविड-19 लैब की स्थापना के लिए पहले देवघर के पुराना सदर अस्पताल परिसर में जगह मुहैया कराई गई है लेकिन झारखंड सरकार के आदेश को लेकर मामला फंस गया। इतना ही नहीं पुराना सदर अस्पताल भवन के जिस कमरे को लैब के लिए मुहैया कराया गाय है वह काफी जर्जर निकला और वहां इंटीरियर डेकोरेशन का काम करने आई धारमू वेंचर्स की टीम ने काम करने से पहले ही हाथ खड़ा कर दिया। इधर, देवघर के सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार ने कहा कि सरकार के आदेश की प्रत्याशा में लैब के लिए जगह मुहैया कराई गई थी लेकिन इस आशय से पत्र नहीं मिलने की सूरत में वे लैब बनाने की इजाजत नहीं दे सकते हैं।
लैब को चालू होने से जांच में आएगी तेजी : एसआरएल के माध्यम से लैब तैयार होकर चालू होने की सूरत में संताल परगना के सभी छह जिलों से आने वाले 200 सैंपल की जांच एक दिन में संभव हो सकेगा। इसके अलावा दूसरे झारखंड के दूसरे जिले एवं बिहार को भी इसका लाभ मिल सकेगा। फिलहाल देवघर भी ट्रूनेट के जरिए अब तक सात से आठ मामलों की ही जांच हो पाई है। देवघर के नए सदर अस्पताल में एसआरएल का लैब पहले से चल रहा है। अगर सरकार की इच्छाशक्ति होती तो वह उसी परिसर में कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिए जगह मुहैया करवा देती लेकिन सरकार की कमजोर इच्छाशक्ति के कारण लैब सरकारी परिसर में स्थापित नहीं हो सका। अब यह कोयरीडीह में स्थापित हो रहा है और यहां जांच की कीमत सरकारी दर 4500 रुपये की जगह 3500 रुपये ही होगी।
डॉ. निशिकांत दुबे, सांसद, गोड्डा।