शिव गंगा में डुबकी लगाकर श्रद्धालुओं ने किए पाप कटित
देवघर गंगा दशहरा के मौके पर बुधवार को अहले सुबह से ही बैद्यनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की जमघट लग गई और यह सिलसिला दिन भर चलता रहा। श्रद्धालु शिवगंगा में डुबकी लगाकर बाबा बैद्यनाथ की पूजा-अर्चना के लिए मंदिर पहुंचे और मंदिर का पट खुलते ही जलाभिषेक कर अभिभूत हुए।
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संवाद सूत्र, देवघर : गंगा दशहरा के मौके पर बुधवार को अहले सुबह से ही बैद्यनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की जमघट लग गई और यह सिलसिला दिन भर चलता रहा। श्रद्धालु शिवगंगा में डुबकी लगाकर बाबा बैद्यनाथ की पूजा-अर्चना के लिए मंदिर पहुंचे और मंदिर का पट खुलते ही जलाभिषेक कर अभिभूत हुए। जलाभिषेक करने पहुंचे श्रद्धालुओं की कतार मानसरोवर फुट ओवरब्रिज के पार चली गई थी जो दिन ढलने तक सिमटकर संस्कार भवन तक सिमट गई। शाम चार बजे तक श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। इधर श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर से पुख्ता तैयारी की गई थी। जगह-जगह पुलिस की तैनातगी की गई थी। जबकि सीता होटल, लक्ष्मीपुर चौक, बीएन झा पथ, मंदिर मोड़, जलसा रोड के आसपास में ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था की गई थी लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालुओं वाहन तीतर-बीतर तरीके से लगे हुए थे जिसकी वजह से जाम की स्थिति कायम रही। वहीं गंगा दशहरा के मौके पर श्रद्धालुओं ने दिल खोलकर दान-पुण्य भी किया।
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गंगा दशहरा पर गंगा स्नान से कटते हैं पाप
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ज्योतिष गुरु प्रमोद श्रृंगारी के अनुसार गंगा इतनी पवित्र नदी है कि गंगा दशहरा के दिन स्नान मात्र करने से 10 तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं। 10 पापों के कटित होने के कारण ही इसे गंगा दशहरा कहा जाता है। इसमें तीन कायिक पाप होते हैं। चार वाचिक होते हैं और तीन मानसिक पाप होते हैं। कायिक पाप का अर्थ होता है काया यानी हमारे शरीर से जुड़ा पाप। वाचिक यानी वाणी संबंधी पाप और मानसिक पाप यानी जो आप अपनी सोच और मानसिकता से करते हैं।
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