डॉक्टरा के पास के ले जाते हो बाबू..
देवीपुर की घटना आने वाले समय में शायद ही कोई भूल पाए। हादसे का शिकार परिवार तो कतई इस मंजर को भूला नहीं पाएगा। घटना का शिकार हुए लोग तो कई जिदगी को उनके हाल में छोड़ गए। अब इन परिवारों के पास पहाड़-सी जिदगी बिना किसी सहारा के कैसे कटेगी बस इसकी ही चिता सताए जा रही है। अलबत्ता प्रशासनिक मदद और लोगों की सहानुभूति कितने दिनों तक काम आएगी। यह भी एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हो गया है। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर तत्काल सहायता के रूप में प्रभावित परिवारों के बीच राशन तो दे रही है लेकिन क्या यह उन परिवारों के लिए पर्याप्त होगा।
अमित सोनी, देवघर :
देवीपुर की घटना आने वाले समय में शायद ही कोई भूल पाए। हादसे का शिकार परिवार तो कतई इस मंजर को भूला नहीं पाएगा। घटना का शिकार हुए लोग तो कई जिदगी को उनके हाल में छोड़ गए। अब इन परिवारों के पास पहाड़-सी जिदगी बिना किसी सहारा के कैसे कटेगी, बस इसकी ही चिता सताए जा रही है। अलबत्ता प्रशासनिक मदद और लोगों की सहानुभूति कितने दिनों तक काम आएगी। यह भी एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हो गया है। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर तत्काल सहायता के रूप में प्रभावित परिवारों के बीच राशन तो दे रही है लेकिन क्या यह उन परिवारों के लिए पर्याप्त होगा।
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बबलू व लालू का पूरा परिवार ही बिखर गया
घटना ने गोविद मांझी व उनके दो पुत्र बबलू और लालू का पूरा परिवार ही बिखर गया है। तीनों को एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। मृतक गोविद का भतीजा अशोक मांझी ने अपने चाचा और दोनों भाईयों को मुखाग्नि दी। छोटे बेटे की पत्नी रेखा कुमारी गर्भवती है। पिता अपने आने वाले संतान की किलकारी तक नहीं सुन पाएगा। मां मंजू देवी गोविद की विधाव आंखों में आंसू पोछते कहती है - छोटकी पोतहू पेटा से छे, अब एकरा डॉक्टरा के पास के ले जाते हो बाबू, कामो पर जाए से पहले बोली के गेलरा रहे कि डॉक्टरा के पास देखावे लेल ले जाबे, अब हमें कन-कन दौड़िए। इसके अलावा अब उसे परिवार चलाने और खाने पीने की भी चिता है, कहतीं है- घरा के सभी गार्जियन चललो गेले, अब नून ,तेल, साबून, सर्फ के लानी देते। खावो खातिर चार (चावल), राशन के कैसे जोगाड़ होते। वहीं दोनों की बेटों की विधवा काफी कोशिशों के बाद भी आंसू को बहने से नहीं रोक पा रही है।
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कमावे वाला त चली गेले, कैसे चलावो परिवार
मृतक लीलू मुर्मू का पिरहाकट्टा स्थित घर के बाहर सुबह से ही आसपास के लोगों का पहुंचाने का सिलसिला शुरू है। जो भी आता है लीलू की पत्नी को दो शब्द दिलासा का देकर चला जाता है। वहीं पत्नी फुलमणि हेम्ब्रम बस सूनी आंखों हर आने-जाने वाले का चेहरा निहारती है।घर कैसे चलेगा, यह पूछने पर कहती कि कैसे चलतो, जब कमाने वाला ही ने छो, कमावे वाला त चलल गेले, अबे केसे भरबो पेट, कैसे पालबो बुतुरुवा सनी के।
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सौतेली मां पर टिका बच्चों का भविष्य
लीलू की पहली पत्नी का निधन लगभग दो साल पूर्व आग लगने की घटना में हो गई थी। पहली पत्नी से उसे दो बेटी है। लीलू को दोनों बेटियों की परवरिश की चिता थी। इसी को लेकर उसने हाल ही में फुलमणि से शादी की। अब दोनों बच्चियों का भविष्य सौतेली मां पर टिका है। हालांकि फुलमणि के मायके वालों ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि दोनों बच्चियों को अपने साथ रखकर पालेगा, लेकिन यह तो आने वाले वक्त ही बच्चियों का भविष्य तय करेगा। फिलहाल दोनों बच्चियां अपनी सौतेली मां में लाड़-प्यार देख रही है।
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सूनी थी आंखें, जुबां थे खामोश
ब्रजेश व मिथलेश का परिवार में हर तरफ खामोशी थी। शायद मंजर ने इनलोगों को कुछ इस कदर खामोश कर दिया कि कोई जुबां से तो कुछ नहीं बोल पा रहा था, लेकिन हरेक की आंखें हर कहानी सुना रही थी। बस आंखों से निकले आंसू को पोंछ कर अंदर ही अंदर दर्द को समेटने का प्रयास किया जा रहा था। सोमवार को भी दोनों भाई एक साथ ही चिता पर सुलाए गए। जैसे की रविवार को घटना के दौरान दोनों भाईयों की एक साथ ही मौत हो गई।
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आपको कहीं नहीं जाना है, प्रशासन आएगी आपके द्वार
देवीपुर : देवीपुर बीडीओ अभय कुमार, सीओ सुनील कुमार सिंह, प्रमुख यशोदा देवी की टीम मृतक के परिजनों के घर राहत सामग्री पहुंचाने में जुट गए। इस दौरान बीडीओ के नेतृत्व में टीम गोविद मांझी के घर पहुंची। यहां प्रत्येक परिवार को राशन सामग्री दिया। अधिकारियों को देखते ही महिलाएं मदद की गुहार लगाने हुए कही कि हमारा तो सबकुछ लूट गया और कैसे परिवार चलेगा, कौन कार्यालय का चक्कर काटेगा। इस पर बीडीओ ने आश्वस्त करते हुए कहा कि आप लोगों को कहीं नहीं जाना है। सरकार व प्रशासन आपके द्वार तक आएगी। उन्होंने हरसंभव मदद किया जाएगा।
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आश्रितों को विधवा पेंशन
मौके पर बीडीओ ने कहा कि तत्काल सभी मृतक की पत्नियों को सरकारी प्रावधान के पारिवारिक लाभ दिया जाएगा। मृतकों का मृत्यु प्रमाण बनाने का निर्देश दे दिया गया है। सरकार और जिला प्रशासन के स्तर से हर संभव मदद किया जाएगा। अन्य योजनाओं का भी लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा। एक-दो दिनों के अंदर विधावा पेंशन का प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
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घटनास्थल का किया निरीक्षण
देवीपुर : बीडीओ व सीओ ने सोमवार सुबह घटनास्थल पहुंचे। यहां घटनास्थल का बारीकी से अध्ययन किया। इसके बाद घटना को लेकर मृतक ब्रजेश के परिजन से विस्तार से जानकारी प्राप्त किया। मौके पर बीडीओ ने कहा कि अबतक घटना का कारण गैस ही माना जा रहा है। हालांकि रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ भी कहा जा सकेगा। एनडीआरएफ की टीम ने भी यहां पहुंचकर गैस को बाहर निकालने का काम किया।
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मृतक के घर पहुंचे कांग्रेसी नेता
कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुन्नम संजय, पूर्व मधुपुर नगर अध्यक्ष फैयाज केशर मृतक ब्रजेश व मिथलेश बरनवाल के घर पहुंचे। परिजन को ढाढ़स बांधा। कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि दुख की घड़ी में पार्टी उनके साथ खड़ी है।
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बिसरा को भेजा जाएगा रांची
पोस्टमार्टम के बाद सभी का बिसरा प्रिजव कर लिया गया है। जिसे जांच के लिए रांची भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का स्पष्ट हो पाएगा। इससे पहले सभी मृतकों का कोरोना जांच के लिए सैंपल भी कलेक्ट कर लिया गया है।
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दो मिनट का मौन रखकर दी गई श्रद्धांजलि
देवीपुर प्रखंड कार्यालय में बीडीओ, सीओ, प्रमुख सहित अन्य कर्मियों ने दो मिनट का मौन रखकर रविवार की घटना में मृतक लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। देवघर में देवघर जिला खुदरा दुकानदार संघ के द्वारा शोक सभा का आयोजन किया गया। संघ के अध्यक्ष नारायण टिबड़ेवाल ने कहा कि इस संकट की घड़ी में ईश्वर उन सभी परिवारों को इस विषम परिस्थिति में लड़ने की शक्ति प्रदान करें।