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मुआवजा की मांग को ले आठ घंटे तक सड़क जाम

संवाद सूत्र मारगोमुंडा गिरिडीह-जामताड़ा मुख्य मार्ग पर मारगोमुंडा थाना क्षेत्र के कुशमाहा

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 05:47 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 05:47 PM (IST)
मुआवजा की मांग को ले आठ घंटे तक सड़क जाम
मुआवजा की मांग को ले आठ घंटे तक सड़क जाम

संवाद सूत्र, मारगोमुंडा : गिरिडीह-जामताड़ा मुख्य मार्ग पर मारगोमुंडा थाना क्षेत्र के कुशमाहा चौक के पास सड़क हादसे में मारे गए व्यक्ति के परिजनों को मुआवजा देने की मांग को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने करीब आठ घंटे तक जाम लगाए रखा। मृतक के शव को सड़क पर रखकर लोगों ने सुबह करीब छह बजे जाम लगा दिया। लोग तीन लाख मुआवजा व पेंशन दिए जाने की मांग कर रहे थे। जानकारी हो कि सोमवार की शाम गिरिडीह जिले के गांडेय थाना क्षेत्र के हड़पाडीह गांव निवासी 50 वर्षीय सोनालाल हेम्ब्रम अपनी पत्नी के साथ बाइक से बुधोडीह से अपने घर जा रहे थे। इसी दौरान तेज रफ्तार पिकअप वैन ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी जिस कारण सोनालाल की मौके पर ही मौत हो गई। पत्नी बड़की हेम्ब्रम गंभीर रूप से घायल हो गई। उसका कमर टूट गया है और उसे इलाज के लिए गिरिडीह सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के बाद पिकअप वैन चालक गाड़ी लेकर मौके पर से भाग निकला। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने जामताड़ा जिला की पुलिस से संपर्क किया और पिकअप वैन को नारायणपुर थाना क्षेत्र में पकड़ लिया गया। हादसे के बाद लोगों ने सड़क जाम किया था। उसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाया और एक घंटे बाद जाम हटा लिया गया, लेकिन लोगों ने शव को पूरी रात सड़क के पास ही रखा। पुलिस ने शव को कब्जे में लेने का काफी प्रयास किया, लेकिन लोगों ने उसकी बात नहीं मानी।

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सुबह छह बजे के करीब घर वालों व ग्रामीणों ने मुआवजा की मांग को लेकर कुशमाहा चौक के पास जाम लगा दिया। इस कारण गिरिडीह-जामताड़ा व धमनी-कुशमाहा मुख्य मार्ग पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई। जाम में फंसे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बाद में मधुपुर एसडीपीओ वशिष्ठ नारायण सिंह, बीडीओ संतोष कुमार चौधरी, इंस्पेक्टर सुनील टोपनो, मारगोमुंडा थाना प्रभारी खदी कुजूर, करौं थाना प्रभारी राजेश टुडू आदि ने मौके पर पहुंचकर लोगों को काफी देर तक समझाया। फिर वाहन के मालिक से बाद की गई। उससे तीन लाख की मांग की गई उसने दो लाख देने की बात कही। साथ ही अन्य सहायता देने का आश्वासन दिया गया और उसके बाद जाम हटाया गया।

झारखंड आंदोलनकारी था मृतक

लोगों ने बताया कि मृतक सोनालाल झारखंड आंदोलनकारी था। उसे इसकी पेंशन भी मिलती थी। इसी कारण लोग पेंशन परिजनों को मिले इसकी व्यवस्था करने की मांग कर रहे थे। उसकी कमाई पर परिवार काफी हद तक निर्भर था। उसके परिवार में पत्नी के अलावा बूढ़े पिता व मां, दो बेटा व तीन बेटी है। अभी तक एक ही बेटी की शादी हुई है। ऐसे में हादसे में हुई मौत से पूरे परिवार पर संकट आ गया है।

नेताओं के कारण जाम तोड़ने में हुई परेशानी

घटना में स्थानीय नेताओं की राजनीति जमकर देखने को मिली। देवघर ही नहीं, मृतक के गृह क्षेत्र के भी नेता मौके पर पहुंच गए। उनकी ही पहल पर ये जाम लगा और प्रशासन द्वारा काफी समझाने पर भी कोई मानने को तैयार नहीं था। हर कोई घटना में राजनीतिक बढ़त लेने की जुगाड़ में लगा रहा। घरवालों से ज्यादा ये नेता ही जोश में नजर आ रहे थे। पूरी रात और दिन का अधिकांश समय शव सड़क पर पड़ा रहा। काफी मशक्कत के बाद प्रशासन ने लोगों को समझाया और उसके बाद जाम हटाया जा सका।


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