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ओम शांति, ओम शक्ति, ज्ञान शक्ति से गूंज उठा रिखियापीठ

देवघर रिखियापीठ आश्रम में चल रहे अक्षय तृतीया अनुष्ठान के तीसरे व अंतिम दिन मंगलवार को मा

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 May 2019 11:54 PM (IST)Updated: Tue, 07 May 2019 11:54 PM (IST)
ओम शांति, ओम शक्ति, ज्ञान शक्ति से गूंज उठा रिखियापीठ
ओम शांति, ओम शक्ति, ज्ञान शक्ति से गूंज उठा रिखियापीठ

देवघर : रिखियापीठ आश्रम में चल रहे अक्षय तृतीया अनुष्ठान के तीसरे व अंतिम दिन मंगलवार को मातृ शक्ति की विशेष आराधना की गई। इस दौरान यहां ओम शांति, ओम शक्ति, ज्ञान शक्ति, विद्या शक्ति के उद्घोष से पूरा रिखियापीठ व इसके आसपास का इलाका गूंज उठा। मातृशक्ति का बोध करते हुए श्रद्धालु शिवम शक्ति, सुंदरम शक्ति, प्रेम शक्ति की संगीतमय अमृतधरा में पूरी तरह से डूबकर भक्ति की सागर में गोते लगा रहे थे। इस मौके पर रिखियापीठ के स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने बड़ी संख्या में रिखिया पंचायत के विभिन्न गांवों से आए श्रद्धालुओं से कहा कि वे अक्षय तृतीया पर सबके लिए सुख, शांति व समृद्धि की कामना करें। कहा कि इसकी फिक्र नहीं करें कि अपने लिए कुछ मांगना है क्योंकि आपके लिए तो कोई दूसरा ही अक्षय की कामना कर रहा है। अक्षय तृतीया पर की गई सकारात्मक कामना ही गुरुदेव व आश्रम के संस्थापक स्वामी सत्यानंद के सपनों को साकार करेगा। स्वामी निरंजनानंद ने कहा कि अक्षय तृतीया पर मातृ शक्ति का सम्मान करने का संकल्प लेकर लोग यहां से वापस लौटे।

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आज तो आनंदमय, योगमय नहीं योगिनीमय: स्वामी सत्संगी

रिखियापीठ की स्वामी सत्संगी ने कहा कि आज तो यहां आनंदमय, योगमय नहीं बल्कि योगिनीमय है यह प्रांगण। आयोजन स्थल पर बड़ी संख्या में मौजूद आश्रम से जुड़ी विभिन्न गांवों से आई छोटी-छोटी कन्याओं से मुखातिब स्वामी सत्संगी ने कहा कि योगिनी का मतलब है अपने काम में निपुणता। जिसने भी निपुणता हासिल कर लिया वही योगिनी है। कहा कि यहां मौजूद मातृशक्ति रूपी ये कन्याएं कई विद्याओं से लैस व पारंगत होकर योगिनी बन चुकी हैं। इन कन्याओं ने अपने अंदर संगीत, नृत्य, पाक कला, शिल्पकला, कंप्यूटर शिक्षा, खेलकूद, पेटिग, आर्ट समेत कई विद्याओं से लैस हो चुकी हैं। अब ये कन्याएं फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती हैं जो इनमें ज्ञान शक्ति का बोध कराता है। मौके पर रिखिया पंचायत के आधा दर्जन गांवों से आए श्रद्धालुओं के अलावा अनुष्ठान में शामिल बच्चों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। इसमें न्यूट्रिशन एवं वेलनेस का खास ध्यान रखा गया था। इसके पीछे उद्देश्य यह कि ये भूख व कुपोषण का शिकार नहीं हो। वहीं ग्रामीण श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद में रोजमर्रा की सामग्रियों के अलावा कुर्सी-टेबल समेत का वितरण किया। कृषकों के बीच गो-दान किया गया। मंगलवार को यहां देर शाम तक कई अनुष्ठान किया जाएगा और विधि-विधान के साथ अक्षय तृतीया के तीन दिवसीय अनुष्ठान संपन्न हो जाएगा।

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