लॉकडाउन से रेलवे को प्रतिदिन हो रही आठ लाख की क्षति
हुए। जानकारी हो कि जसीडीह स्टेशन संताल परगना का मुख्य द्वार होने के कारण संताल परगना समेत बिहार के जमुई बांका भागलपुर के यात्री ट्रेन में सवार होने के लिए जसीडीह स्टेशन आते हैं। लेकिन सड़क मार्ग से आवागमन सुगम नहीं होने के कारण यात्रियों के आवाजाही लगभग बंद है।
संवाद सहयोगी, जसीडीह : लॉकडाउन के कारण हावड़ा-नई दिल्ली मुख्य मार्ग पर यात्रियों का आवागमन काफी कम होने से जसीडीह स्टेशन को प्रतिदिन आठ लाख की क्षति हो रही है। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार इस रेल खंड पर हावड़ा-नई दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस पटना-हावड़ा जन शताब्दी एक्सप्रेस और दानापुर-टाटा एक्सप्रेस का परिचालन हो रहा है। लॉकडाउन के पूर्व जसीडीह स्टेशन से प्रतिदिन लगभग बारह हजार यात्री स्टेशन पर विभिन्न ट्रेन में सवार होकर अपने गंतव्य के लिए रवाना होते थे। वही लगभग 17 हजार यात्री विभिन्न ट्रेनों के माध्यम से उतरते थे।
लॉकडाउन के बीच इस रूट पर तीन ट्रेनों का परिचालन एक जून से आरंभ होकर पांच जुलाई तक मात्र 2952 यात्री जसीडीह से रवाना हुए। जबकि 3576 यात्री जसीडीह स्टेशन पर उतर कर अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए। जानकारी हो कि जसीडीह स्टेशन संताल परगना का मुख्य द्वार होने के कारण संताल परगना समेत बिहार के जमुई, बांका, भागलपुर के यात्री ट्रेन में सवार होने के लिए जसीडीह स्टेशन आते हैं। लेकिन सड़क मार्ग से आवागमन सुगम नहीं होने के कारण यात्रियों के आवाजाही लगभग बंद है।