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सांसद को बुरा लगा तो वो खुद शिलापट बना देंगे: डॉ. इरफान

जागरण संवाददाता देवघर शिलापट पर नाम को लेकर सारठ के भाजपा विधायक रणधीर सिंह व दु

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 11:00 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 05:08 AM (IST)
सांसद को बुरा लगा तो वो खुद शिलापट बना देंगे: डॉ. इरफान
सांसद को बुरा लगा तो वो खुद शिलापट बना देंगे: डॉ. इरफान

जागरण संवाददाता, देवघर : शिलापट पर नाम को लेकर सारठ के भाजपा विधायक रणधीर सिंह व दुमका सांसद सुनील सोरेन के बीच जुबानी जंग अब चर्चा का विषय बन गया है। एक ओर जहां रणधीर सिंह ने सांसद पर विकास कार्य नहीं करने, उनकी व क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है, वहीं दूसरी ओर सुनील सोरेन ने पूछा है कि विधायक पहले बताएं कि वे कांग्रेस के हैं कि भाजपा के। दोनों नेताओं की इस जुबानी जंग के बीच विरोधी दल के नेता जहां चुटकी ले रहे हैं। सत्ताधारी दल के नेता चुप्पी साध गए हैं। जानकार बताते हैं कि भाजपा के इस अंतर्कलह का असर पार्टी की छवि पर पड़ेगा। जिस समय पर विधायक ने अपनी प्रतिक्रिया दी है उसकी टाइमिग पर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

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इस विवाद के बीच में रहे जामताड़ा विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि अगर सांसद को बुरा लग गया है तो वे खुद से उनके लिए शिलापट बनवा देंगे। जहां तक प्रोटोकाल की बात है तो शिलापट पर सांसद का नाम होना चाहिए। हालांकि वे दुमका सांसद की कार्यशैली से काफी दुखी हैं। उनके क्षेत्र में बिजली व एनएच सड़क की काफी समस्या है। केन्द्र में भाजपा की सरकार रहते ही भी दुमका सांसद ने अब तक अपने क्षेत्र के लिए कुछ भी नहीं किया। उन्हें क्षेत्र के विकास का प्रयास करना चाहिए। सिर्फ शिलापट पर नाम का शौक नहीं होना चाहिए।

मंगलवार को विधायक ने अपना बयान दिया और वे जामताड़ा जाकर कांग्रेस विधायक डॉ. इरफान अंसारी से मिले। उन्होंने डॉ. अंसारी की तारीफ की। डॉ. अंसारी ने भी सारठ विधायक को भाजपा का सबसे बेहतर नेता बताया। ये सब तब हुआ जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तीन दिन के लिए दुमका में कैंप कर रहे थे। उनका ये दुमका दौरा कहीं न कहीं दुमका विधानसभा सीट के उपचुनाव से जुड़ा हुआ था। ठीक इस समय रणधीर द्वारा अपनी ही पार्टी के सांसद पर किया गया हमला कई बातों की ओर इशारा करता है। जानकारी हो कि रणधीर के करीबी संबंध डॉ. इरफान अंसारी व फुरकान अंसारी से पहले से हैं। उनका एक वीडियो पहले भी वायरल हुआ था और काफी चर्चा भी हुई थी। अब ये नया विवाद फिर से चर्चा का विषय बन गया है। जहां तक प्रोटोकॉल की बात है तो योजना के शिलापट में सांसद का नाम होना चाहिए। ये देखना स्थानीय स्थानीय प्रशासन का काम है। क्या कहते नेता

मामले में मंत्री सह मधुपुर विधायक हाजी हुसैन अंसारी ने कहा कि जिस विभाग का काम होता है उसे ध्यान देना होता है कि शिलापट पर किन लोगों का नाम हो। अगर मधुपुर की बात करें तो स्थानीय एसडीओ की जिम्मेवारी है कि वे देखें कि शिलापट पर सभी संबंधित नेताओं व अधिकारियों का नाम हो। योजना में सांसद व विधायक का नाम होना चाहिए। उन्होंने रणधीर सिंह द्वारा दिए गए बयान पर कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया।

पूर्व सांसद फुरकान अंसारी सह कांग्रेस नेता फुरकान अंसारी ने इस प्रकरण पर कहा कि जिस क्षेत्र में काम हो रहा हो वहां के सांसद को सम्मान मिलना चाहिए। उनका नाम शिलापट पर होना चाहिए। हालांकि शिलापट पर नाम से कुछ नहीं होता है। पब्लिक सब जानती है। नेता का काम ही उसके नाम की गवाही देती है। जो लोग निकम्मे होते हैं वहीं नाम के पीछे भागते हैं। शिलापट पर नाम की परिपाटी भाजपा ने ही शुरू की है। लोगों का काम बोलता है न की नाम।

हालांकि इस बारे में जब देवघर विधायक नारायण दास से पूछा गया तो उन्होंने इस मसले में कुछ भी कहने से साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि इस पर पार्टी के प्रवक्ता ही बयान देंगे। जाहिर है कि अपनी ही पार्टी के दो नेताओं के बीच चल रही जुबानी जंग का वे हिस्सा नहीं बनना चाहते।


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