कोरोना के बढ़ते असर से तीर्थयात्री सतर्क
संवाद सूत्र देवघर कोरोना का कहर बढ़ गया है। चिता की लकीर हर एक के माथे पर खींचती
संवाद सूत्र, देवघर : कोरोना का कहर बढ़ गया है। चिता की लकीर हर एक के माथे पर खींचती चली जा रही है। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए शासन, प्रशासन, स्वयं सेवी संगठनों ने आवाम से अपील की है कि वह जरूरत के लिए ही घर से बाहर निकलें। अब लोग सतर्क और सावधान हो गए हैं। बाबा मंदिर में भी भीड़ घटने लगी है। भीड़ पर नियंत्रण को लेकर ही प्रशासन ने पहले ही पूजा अर्चना की अवधि में कटौती कर दिया है। दोपहर ढ़ाई बजे मंदिर बंद हो जाता है। बदलते हालात को देखते हुए रविवार को मंदिर प्रशासन की पहल पर नगर निगम के कर्मियों ने पूरे मंदिर प्रांगण को सैनिटाइज किया। सभी 22 मंदिर को सैनिटाइज किया गया।
मंदिर में बिना मास्क के प्रवेश पर रोक : बाबा मंदिर में बिना मास्क के एक भी व्यक्ति का प्रवेश नहीं होगा। इस आदेश को सख्ती से लागू कर दिया गया है। मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त प्रांगण में घूम-घूमकर एक-एक यात्री से अपील कर रहे हैं। जो बिना मास्क के थे। उनको मास्क दिया गया। आग्रह किया कि बिना मास्क के वह पूजा करने नहीं आएं। यही एक मात्र उपाय है। दूसरा जरूरत के मुताबिक ही घर से निकलें।
पुरोहितों ने भी बढ़ायी जागरूकता : मंदिर प्रांगण स्थित काली मंदिर में अनुष्ठान करने वाले पुरोहितों की बैठकी लगती है। यहां अनुष्ठान करते पुरोहित मास्क लगाकर बैठे थे। यजमान को संकल्प कराने वाले हर एक पुरोहित का मुंह और नाक मास्क से ढका हुआ था। पुरोहित के इस कदम का असर यात्रियों पर ज्यादा होता है। जब तक हम खुद उदाहरण नहीं बनेंगे, तब तक दूसरे को उपदेश भी नहीं दे सकते हैं। और सबसे अहम यह कि जीवन तो सबका अनमोल है। एक दूसरे के बारे में सबको सोचना होगा।
मंदिर में डयूटी पर मुस्तैद थी पुलिस :
मंदिर में पुलिस की भी डयूटी है। निकास द्वार पर विशेष रूप से चौकसी है। इसके अलावा भी कई प्वाइंट पर पुलिस की तैनाती है। पुलिस भी पूरी तरह सुरक्षित मुद्रा में थी और पूजा करने आ रहे यात्रियों को भी टोकती और रोकती रही कि चेहरा से मास्क नहीं हटाएंगे। ख्याल रखें कि मास्क और शारीरिक दूरी ही एक मात्र बचाव का रास्ता है।
शुभ तिथि के बावजूद नहीं पहुंच रहे श्रद्धालु : कोरना संक्रमण को देखते हुए लोगों में जागरूकता आ गई है। इस बात का अंदाजा मंदिर में नहीं हुई भीड़ बता रही है। रविवार को शुभ तिथि चैत्र नवरात्रा की षष्ठी तिथि पर हर साल मंदिर प्रांगण में पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती। लेकिन इस बार ऐसा नहीं दिखा। सुबह से ही गिने-चुने श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। संक्रमण के गाइडलाइन का भी पालन करते दिखे। तीर्थयात्री और तीर्थ पुरोहित, दोनों गाइड लाइन को गंभीरता से मानते देखे गए।