लुभावने वादों के साथ ताकत भी दिखा रहे प्रत्याशी
जागरण संवाददाता, देवघर : 1772 की पंडा धर्मरक्षिणी सभा का चुनाव इस बार काफी रोचक हो गया
जागरण संवाददाता, देवघर : 1772 की पंडा धर्मरक्षिणी सभा का चुनाव इस बार काफी रोचक हो गया है। 18 नवंबर को चार हजार (हंडीपति) मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। अध्यक्ष पद पर 3 उपाध्यक्ष पद पर 9 महामंत्री पद पर 4 एवं मंत्री के लिए 4 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। रविवार को सुबह 7:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक चुनाव होगा और रात में ही परिणाम जारी हो जाएगा। चुनाव समिति की ओर से भी सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। कल तक सामाजिक रंग ही चुनाव प्रचार में दिखता था, इस बार प्रचार में राजनीतिक रंग दिख रहा है। रोड शो भी किया गया है। जमात में लोग साथ निकले और एक तरह से शक्ति प्रदर्शन भी किया। अध्यक्ष के लिए निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. सुरेश भारद्वाज, पूर्व महामंत्री दुर्लभ मिश्र एवं जयनाथ बलियासे अपने पक्ष में वोट मांग रहे हैं। काम के आधार पर मांग रहा वोट: डॉ. सुरेश भारद्वाज
निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि वह अपने पांच साल के दरम्यान किए गए कार्य के आधार पर वोट मांग रहे हैं। पहले पंडा व प्रशासन के बीच तनातनी की स्थिति बनी रहती थी। 2013 से 2018 के बीच एक सकारात्मक सोच के साथ समाज हित में कई कार्य किया। श्राइन बोर्ड के गठन के बाद सभा के दो प्रतिनिधि को सदस्य बनाने का काम किया ताकि पुरोहित एवं यात्री हित की बात उठायी जा सके। भट्टर धर्मशाला, ठाकुर बाड़ी की संपत्ति की खरीददारी समाज के लिए किया। बाजार में कई दुकानें बनाई गई जिससे अब सभा को पांच लाख की आय होने लगी है, पहले यह हजारों में ही थी। इस बार भी लोग वोट क्यों दे के जवाब में कहा कि पुरोहित हित सर्वोपरि है उसका ख्याल पहले भी रखे थे आगे भी रखेंगे। धर्मशाला को बेहतर कर यात्री एवं समाजहित में आगे लाया जाएगा। मंदिर में अभी उथल पुथल का दौड़ है। उसे एक स्थायी शक्ल देने का काम करेंगे। सरदार पंडा का सम्मान, पुरोहित के हित को ध्यान में रखते हुए कार्य संपन्न कराए जाएंगे। सभी हंडीपति का कराएंगे स्वास्थ्य बीमा: दुर्लभ
दो बार सभा के महामंत्री एवं संप्रति अखिल भारतीय तीर्थपुरोहित महासभा के वरीय उपाध्यक्ष दुर्लभ मिश्र का कहना है कि समाज सर्वोपरि है। मंदिर की आय का हिस्सा पुरोहितों के हित में खर्च होगा यह प्रयास उनका पहला होगा। सभी हंडीपति का स्वास्थ्य बीमा कराएंगे जिसमें हंडीपति, सभा एवं मंदिर का समान अंश होगा। मंदिर के आसपास की जमीन लखराज है जो टैक्स फ्री है, लेकिन इस जमीन की रजिस्ट्री बंद है। जीतते ही कोर्ट में जाएंगे और अपना दावा करेंगे। सबसे बड़ी बात यह कि सभा के एक एक पाई का हिसाब देखने का अधिकार समाज को है इसलिए पूरी पारदर्शिता बरतने का एक सिस्टम विकसित किया जाएगा। चुनाव प्रचार कर लौटे दुर्लभ मिश्र ने कहा कि मंदिर की आंतरिक व्यवस्था, परंपरा में जो प्रशासन का अनावश्यक हस्तक्षेप है उसे कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उसका वह विरोध करेंगे। युवाओं को सही राह दिखाएंगे: जयनाथ
2007 में एक वोट से उपाध्यक्ष का चुनाव हार चुके जयनाथ बलियासे इस बार अध्यक्ष पद के लिए भाग्य आजमा रहे हैं। उनको इस बात की टीस है कि समाज के युवाओं पर किसी का ध्यान नहीं है। सबलोग केवल कुर्सी चमकाने पर लगे रहते हैं। वह जीतकर आए तो युवाओं को सही दिशा देने का काम करेंगे। उनको शिक्षित करने के साथ साथ रोजगार के लिए एक सही राह दिखाएंगे। मातृत्व अस्पताल नहीं है उसकी शुरूआत करेंगे। हर साल धर्मरक्षिणी सभा एक लड़का एवं लड़की को शिक्षित करने के लिए गोद लेगी।
-------------- पद व प्रत्याशी
महामंत्री पद- काíतक नाथ ठाकुर, प्रभात चरण मिश्र, निर्मल झा, प्रभुशंकर मिश्र। मंत्री पद- अरुणानंद झा, सुरेंद्र पुरोहितवार, राजदेव मिश्र, दिनेश राज जजवाड़े। उपाध्यक्ष- बाबूसोना श्रृंगारी, निताय चांद झा, मुन्ना झा, संजय मिश्र, शिवलाल पांडेय, गोपाल कर्मेह, उदय नारायण परिहस्त, मनोज कुमार मिश्र, शंकर सरेवार।