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नगर परिषद कार्यालय बना भ्रष्टाचार का अड्डा : उपाध्यक्ष

मधुपुर नगर परिषद उपाध्यक्ष जियाउल हक उर्फ टार्जन ने शुक्रवार को कहा कि नगर परिषद पिछले कई महीनों से दलालों का अड्डा बन गया है। कहा कि नगर परिषद के स्टॉल में संचालित शराब की दुकान का मामला इसका ताजा उदाहरण है। कहा कि नगर परिषद पदाधिकारी द्वारा नगर परिषद के स्टॉल में चल रही शराब की दुकानों को सील करने और 24 घंटे के अंदर एनओसी निर्गत किए जाने का मामला भ्रष्टाचार को द्योतक है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 05:36 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 05:36 PM (IST)
नगर परिषद कार्यालय बना भ्रष्टाचार का अड्डा : उपाध्यक्ष
नगर परिषद कार्यालय बना भ्रष्टाचार का अड्डा : उपाध्यक्ष

मधुपुर (देवघर): मधुपुर नगर परिषद उपाध्यक्ष जियाउल हक उर्फ टार्जन ने शुक्रवार को कहा कि नगर परिषद पिछले कई महीनों से गलत लोगों का अड्डा बन गया है। कहा कि नगर परिषद के स्टॉल में संचालित शराब की दुकान का मामला इसका ताजा उदाहरण है। कहा कि नगर परिषद पदाधिकारी द्वारा नगर परिषद के स्टॉल में चल रही शराब की दुकानों को सील करने और 24 घंटे के अंदर एनओसी निर्गत किए जाने का मामला सबकुछ कह देता है।

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नगर परिषद पदाधिकारी द्वारा आनन-फानन में शराब की दुकानों की एनओसी निर्गत किए जाने पर कड़ी टिप्पणी करते हुए उपाध्यक्ष ने कहा कि बीते कई माह से अलग-अलग योजना और विकास कार्यों में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी और कमीशनखोरी हुई है। कहा कि एक बड़े सफेदपोश के इशारे पर नगर परिषद में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। शहर के चौक-चौराहों पर स्थित महापुरुषों की प्रतिमा से चंद मीटर की दूरी पर शराब की बिक्री का विरोध करने वाले लोग निजी स्वार्थ को लेकर मनमानी कर रहे हैं, क्योंकि जिस आशा, विश्वास व उम्मीद के साथ मधुपुर की जनता ने नगर परिषद के जनप्रतिनिधियों को चुनकर 2018 में सेवा करने का मौका दिया उनमें कुछ लोग सेवा के बदले मेवा खाने के चक्कर में एक सिडिकेट बना चुके हैं। भ्रष्टाचार में शामिल चेहरों को बेनकाब किया जाएगा। कहा इस मामले से अनुमंडल पदाधिकारी को भी अवगत करा दिया गया है। पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की गई है। कहा कि जरूरत पड़ी तो नगर परिषद उपाध्यक्ष के पद से भी त्यागपत्र भी देने को तैयार हैं, क्योंकि इस तरह के कृत्य से जनता के बीच नगर परिषद की छवि धूमिल हुई है।

नगर परिषद के स्टॉलों में अवैध रूप से विदेशी व देसी शराब बिक्री किए जाने का विरोध करते हुए नगर परिषद बोर्ड द्वारा दुकानों को सील कर स्टॉल आवंटन रद्द करने का निर्णय लिया गया था लेकिन बिना बोर्ड की अनुमति के किस आधार पर शराब दुकानों को एनओसी दे दी गई यह गंभीर जांच का विषय है।


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