हर स्तर पर पुख्ता इंतजाम करके ही खुले बाबा मंदिर का पट
अनलॉक-1 के बाद धीरे-धीरे देवघर शहर में रौनक लौट रही है लेकिन इस दौरान शारीरिक दूरी के मापदंडों की हो रही अनदेखी से बेचैनी भी बढ़ रही है।
देवघर : अनलॉक-1 के बाद धीरे-धीरे देवघर शहर में रौनक लौट रही है लेकिन इस दौरान शारीरिक दूरी के मापदंडों की हो रही अनदेखी से बेचैनी भी बढ़ रही है। बिना मास्क लगाए घूमने वालों से लोग सहमे हुए हैं। दुकानों की ओर बढ़ने वाली भीड़ से दुकानदारों में भी भय का माहौल पनपने लगा है। अनलॉक के ये दृश्य बाबा मंदिर के पट खोले जाने व श्रावणी मेला की तैयारियों को लेकर भी डराने वाला है। यही वजह है कि देवघर में बाबा मंदिर के पट खोले जाने व श्रावणी मेला के आयोजन को लेकर अलग-अलग विचार सामने आ रहे हैं। कुछेक लोगों का मानना है कि देवघर की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए शासन व प्रशासन को अविलंब निर्णय लेने की दरकार है। दूसरी ओर कई लोगों का मानना है कि बिना पुख्ता तैयारी और ब्लू प्रिट तैयार किए बिना बाबा मंदिर का पट नहीं खोला जाना चाहिए। श्रावणी मेले के आयोजन पर भी सरकार को कई स्तर पर विचार करने की जरूरत है। एक मत यह भी अगर बाबा मंदिर पट खुले भी तो पहले स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए खुले और इसके लिए पूरी तैयारी होना चाहिए ताकि कोरोना संक्रमण का भय नहीं रह जाए।
देवघर की सुरक्षा सबसे अहम है। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अब भी सख्ती की जरूरत है। छूट मिलते ही शारीरिक दूरी के मापदंडों की अनदेखी हो रही है जिससे संक्रमण का खतरा काफी बढ़ता जा रहा है। वर्तमान हालात में बाबा मंदिर या किसी भी धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्णय उचित प्रतीत नहीं होता है। अगर बाबा मंदिर खोलने की तैयारी है भी तो इसे अभी सिर्फ स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए खोला जाना चाहिए।
पियूष जायसवाल, निदेशक, रोटरी क्लब ऑफ देवघर। सरकार व प्रशासन को चाहिए कि सुरक्षा की पूरी तैयारी करके बाबा मंदिर में पूजा-अर्चना की व्यवस्था बहाल करने की पहल करे। श्रावणी मेला के लिए भी सरकार को विभिन्न स्तरों पर समीक्षा करने के बाद भी फैसला लेने की जरूरत है। देवघर की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटे इसके लिए यहां के आमजनों को फिक्रमंद होने के साथ जागरूक होने की जरूरत है।
राजेश श्रृंगारी, उपाध्यक्ष, पंडाधर्मरक्षिणी महासभा। केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर व्यापक हित में अविलंब निर्णय लेना चाहिए। देवघर ही नहीं देश के विभिन्न हिस्सों से आकर सावन में यहां रोजगार करने वाले हर वर्ग के लोगों का हित श्रावणी मेला से जुड़ा है। इसलिए श्रावणी मेला के आयोजन व इसके स्वरूप को भी अविलंब तय किया जाना चाहिए। पंडा समाज की निर्भरता बाबा मंदिर पर ही है।
बिरेंद्र कुमार सिंह, व्यवसायी, देवघर।