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कुपोषण के दायरे में 40 फीसद बच्चे

जगदीशपुर स्थित लोकशाला में पोषण विषय पर आयोजित तीन दिन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को संपन्न हो गया। राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ के तत्वावधान में आयोजित इस प्रशिक्षण के दौरान पाठ्यक्रम के तहत चयनित जिले के 40 प्रतिभागी जिसमें चार बाल विकास परियोजना पदाधिकारी आठ मुख्य मुख्य सेविकाएं 16 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य विभाग से 12 प्राथमिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल हुए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 05:09 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 06:21 AM (IST)
कुपोषण के दायरे में 40 फीसद बच्चे
कुपोषण के दायरे में 40 फीसद बच्चे

मधुपुर : जगदीशपुर स्थित लोकशाला में पोषण विषय पर आयोजित तीन दिन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को संपन्न हो गया। राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ के तत्वावधान में आयोजित इस प्रशिक्षण के दौरान पाठ्यक्रम के तहत चयनित जिले के 40 प्रतिभागी जिसमें चार बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, आठ मुख्य मुख्य सेविकाएं, 16 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य विभाग से 12 प्राथमिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल हुए। पाठ्यक्रम निदेशिका स्मिता श्रीवास्तव ने कहा कि भारतवर्ष ने एक दशक के दौरान सामाजिक एवं आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण प्रगति की है। फिर भी जनसंख्या का बहुत बड़ा वर्ग जिसमें शिशु, बच्चे, किशोर-किशोरियां, युवक-युवतियां व वयोवृद्ध शामिल हैं। इनमें कुपोषण की भयावह स्थिति है। कहा कि सरकार के स्तर से कुपोषण से निपटने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं बावजूद इसके बच्चों में पोषण स्थिति सराहनीय नहीं है। कहा कि एनएफएचएस द्वारा 2015-16 में किए गए सर्वे के आंकड़ों से पता चलता है कि पांच वर्ष से कम आयु के लगभग 40 फीसद बच्चे कुपोषित हैं और लगभग 21 फीसद बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं। जबकि 50 फीसद से अधिक बच्चे एनिमिक हैं। 2005 से 2015 के दशक में भारत में कम वजन वाले बच्चों में कमी आई है। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में कुपोषण 48 फीसद से से घटकर 38.4 फीसद हो गया है परंतु इस अवधि के दौरान अल्प कुपोषित बच्चों की फीसद में वृद्धि हुई है जो कि 19.8 से 21 फीसद है। कहा कि पाठ्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य पोषण संबंधित मुद्दों के प्रति प्रतिभागियों के ज्ञान एवं उनकी समझ को सुदृढ़ बनाना, प्रतिभागियों को महिलाओं एवं बच्चों के लिए महिला व बाल विकास मंत्रालय की नवीन पहलू से परिचित कराना व स्वास्थ्य एवं आंगनबाड़ी सेवा योजना के बीच समन्वय व तालमेल को बढ़ाना है। मौके पर जिला महिला एवं बाल विकास पदाधिकारी अनिता कुजूर, सीडीपीओ मधुपुर पूनम सिन्हा पीड़ित लोकशाला के पदाधिकारी राम इकबाल पांडेय, अनुदेशक शबनम, लक्ष्मी, सभी चार प्रखंडों के पर्यवेक्षिका, मुख्य सेविका एवं एएनएम मौजूद थीं।

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