युवक की हत्या में चाचा-भतीजी को उम्रकैद
देवघर : चिंटू चौधरी नामक युवक की हत्या व साक्ष्य छुपाने की नीयत से शव को कुआं में फेंक
देवघर : चिंटू चौधरी नामक युवक की हत्या व साक्ष्य छुपाने की नीयत से शव को कुआं में फेंकने के मामले में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश पंचम अनिल कुमार मिश्रा की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जगदीश चौधरी (57) एवं मीरा देवी (25) को दोषी करार दिया। उनको आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। दोनों अभियुक्तों में चाचा-भतीजी का संबंध है। जुर्माना की राशि अदा न करने पर दोनों को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। कोर्ट ने मुआवजा की राशि पीड़ित परिवार को देने तथा दोनों सजाएं एक साथ चलाने का आदेश दिया है।
क्या है मामला :
जसीडीह थाना क्षेत्र के छोटा धोबाना गांव निवासी मंटू चौधरी ने अपने भाई संटू उर्फ चिंटू चौधरी की हत्या करने का आरोप इन अभियुक्तों पर लगाते हुए एक मार्च को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कहा था कि आरोपितों ने भाई की रस्सी से गला घोंटकर व सीने में टेस्टर घोंपकर हत्या कर दी। शव को कुआं में फेंक दिया। कहा था कि मीरा देवी के साथ सिंटू का प्रेम प्रसंग था। वह भी उससे शादी करना चाहती थी। लेकिन इस बीच सिंटू की शादी दूसरी जगह तय हो गई। मीरा को लगा कि अब उसकी शादी ¨सटू से नहीं हो सकेगी। इसके बाद ही सिंटू की हत्या की साजिश अभियुक्तों ने रच दी। उसे फोन कर 28 फरवरी 2013 को बुलाया गया और मार दिया। कुछ चरवाहों ने चरकी पहाड़ी बहियार के कुआं में शव तैरते देख पुलिस को सूचना दी थी। बताते हैं कि इस घटना से चार माह पूर्व ही मीरा के पूर्व पति संतोष की हत्या हो गई थी । इसके बाद मीरा एवं सिंटू में प्रेम प्रसंग हो गया। कोर्ट ने जगदीश चौधरी को आजीवन कारावास और 20 हजार का अर्थदंड दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाहों ने घटना की पुष्टि की।