बिना हथियार बीमारी से लड़ने को तैयार हैं 'धरती के भगवान', पीपीई किट तक की सुविधा नहीं Deoghar News
रविवार सुबह सारवां प्रखंड में दैनिक जागरण की टीम ने जायजा लिया। यहां की व्यवस्थाओं को देखकर यह कहा जा सकता था कि यहां सबकुछ भगवान भरोसे ही है।
देवघर, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना से पूरा देश लड़ रहा है। हालांकि इस लड़ाई में जो सबसे ज्यादा साथ दे रहे हैं उनके पास ही पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। रविवार सुबह सारवां प्रखंड में जब दैनिक जागरण की टीम ने जायजा लिया तो व्यवस्थाओं को देखकर यह कहा जा सकता था कि यहां सबकुछ भगवान भरोसे ही है। दरअसल, कोरोना से निपटने के लिए सारवां में प्रखंड स्तर पर दो क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं।
इसमें कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में 25 बेड व जिला परिषद गेस्ट हाउस में 20 बेड का क्वारंटाइन सेंटर है। सीएचसी सारवां में चार बेड का आइसोलेशन वार्ड पूर्व से काम कर रहा है। हालांकि सीएचसी प्रबंधन का दावा है कि वर्तमान हालात के अनुरूप यह व्यवस्था पर्याप्त है, जरूरत पड़ने पर कस्तूरबा विद्यालय में बेड की संख्या और बढ़ा दी जाएगी। जरूरत पड़ने पर अन्य जगहों को भी क्वारंटाइन सेंटर के लिए चिह्नित किया गया है।
खाना बनाने के लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय से दो रसोइयों के अलावा एक अन्य की व्यवस्था कर ली गई है। इन्हें बीडीओ की ओर से पत्र जारी कर निर्देश दिया गया है। व्यवस्थाओं को लेकर सीएचसी प्रभारी डॉ. सुनील कुमार सिंह ने कहा कि एन-90 मास्क नहीं मिला है। वेंटिलेटर नहीं है। पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) डिस्पोजेबल सात प्राप्त हुआ है। इसे बचाकर रखने के लिए कहा गया है।
इसका प्रयोग करने पर कार्रवाई का भी निर्देश प्राप्त है। गाउन नहीं मिला है। 108 डायल एंबुलेंस की मांग की गई है, जो अभी तक नहीं मिला है। सैनिटाइजर 10 मिला था, जो खत्म होने के कगार पर है। डिस्पोजेबल मास्क सौ मिला है। ग्लब्स नहीं मिला है। स्वास्थ्य कर्मी कार्य करने से कतराते हैं, उनका कहना है कि समुचित व्यवस्था दिया जाए, अन्यथा कार्य नहीं कर पाएंगे।
अन्य चिकित्सकों ने कहा कि समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए तभी इलाज कर पाएंगे। वहीं बीडीओ रुद्रप्रताप ने कहा कि कोरोना को लेकर जिले से दो लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई है। अन्य मद में 40 हजार प्राप्त हुआ है। वहीं पंचायतों को दस-दस हजार जरूरतमंदों को खाद्यान्न आदि उपलब्ध कराने के लिए प्राप्त हुआ है। सभी को निर्देश दिया गया है कि किसी गरीब को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
पांच पीपीई किट व मास्क कराया गया उपलब्ध : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करौं में 10 बेड, स्वास्थ्य उपकेंद्र मारगोमुंडा में एक बेड व स्वास्थ्य उपकेंद्र भलगढ़ा में चार बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इसके अलावा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में 20 व रानी मंदाकिनी प्लस टू विद्यालय में 10 बेड का क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ. केके सिंह ने कहा कि करौं में 250 व मारगोमुंडा में 200 बेड का आइसोलेसन वार्ड बनाने का लक्ष्य है। अभी तक पंचायत स्तर पर क्वारंटाइन वार्ड नहीं बनाया गया है।